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दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ

दिल्लीपजाय औौर वीच की घटनाएँ १४४१ लड़ाइयों में १७२० और २३ जून की लड़ाइयाँ अधिक भयडूर थीं । i N जिस वीरता के साथ बिप्लबकारी सेनाओं ने इन लड़ाइयों में अंगरेजों, सिखों और गोरखों की संयुक्त सेनाओं पर हमला किया उन्हें बार बार अपनी जगह से हटा दिया और उनके अनेक अफसरों और सैनिकों को ख़त्म कर दियाउस बीरता की लॉर्ड रॉबर्टस और श्रन्य अंगरेज अफसरों ने अपनी रिपोर्टों में मुक्तफरठ से प्रशंसा की है। कमाण्डरइन-चीफ़ वरनार्ड ने अब निश्चय कर लिया कि जब तक और अधिक सेना eहायता के लिए पचाध से न जाए, तब तक दिल्ली पर हमला करना और विजय प्राप्त कर सुकना असम्भव है। २३ जून प्लासी की शताब्दी का दिन था । उस दिन के हमले के लिए दिल्ली में विशेष तैयारियाँ हो रही थीं। प्लसी की शताब्दी ठीक प्रांतःकाल शाहरपनाह की तोपों ने अंगरेजी सेना के ऊपर गोले बरसाने शुरू किए । फ्रान्तिकारी सेना शहर से चाहर निकली और संयुक्त ब्रिटिश सेना पर वे टूट पड़े। अत्यन्त बमासान संग्राम हुआ । उस दिन के संग्राम के विषय में मेयर रीड लिखता है के नरीब १२ बजे क्रान्तिकारियों ने हमारी समस्त सेना के ऊपर एक प्रयन्त भीषण हमला किया । कोई मनुष्य उससे अच्छा न लड़ सकते थे जितना अच्छा कि क्रान्तिकारी तहे । उन्होंने हमारी सारी पलट पर यार बार हमला किया और एक बार मुझे ऐसा मालूम होता था कि हम मैदान खो बैठे।""

  • Major Reid's stzgy f Delhi,