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भारत में अंगरेज़ी राज

१०२ भारत म अंगरेजी राज इत्यादि के भारतीय प्रजा के उपर बोर श्रमाणिक अत्याचारों का कोई जिक्र नहीं किया जाता, उनमें कानपुर की इस वीभत्स हत्या ? और कानपुर के कुएँ का जिक्र अवश्य होता है । हम इस सम्बन्ध में केवल एक दो बातें कह देना आवश्यक समझते हैं। एक यह कि जिन अंगरेजी पुस्तकों में इस घटना को वर्णन किया गया है उनमें प्रायः इस घटना के साथ कई और भी अधिक सैयद्र और अमानुषिक बातों को जोड़ दिया गया है । उदाहरण के लिए यह कि अंगरेज स्त्रियों और बच्चों की हत्या के लिए शहर से कलाई बुलाए गए थे । इत्या से पूर्व इन लोगों को निर्दयता के साथ धीरे धोरे अंगभंग किया गयां और स्त्रियों की हत्या से पहले उनकी बेइज्जती की गईइत्यादि । इन सब रोमाश्चकारी बातों के सम्बन्ध में हम केवल चितब के सब से अधिक प्रामाणिक ग्रंगरेज इतिहास लेखक सर जॉन के के कुछ शब्द उद्धृत करते हैं । इतिहास लेखक के लिखता है “उस समय के कई इतिहाों में बयान किया गया है कि इस भीषण हस्याकाण्ड के साथ कई तरह की परिष्कृत क्रूरताएँ और अकथनीय स्तज्जाजनक बातें की गई थीं। वास्तव में ये क्रूरताएँ और इस तरह की लज्जाजनक बातें कुछ लोगों ने क्रोध के प्रावेश में प्राकर केवल अपनी कल्पनाशक्ति से गढ़ ली थीं । अन्य लोगों ने बिना जांच किए उन पर सहज ही में विश्वास कर लिया और बिना सोचे समझे उन्हें फैलाना शुरू कर दिया 1x हैं जून और जुलाई के हत्याकाण्डों के विषय में सरकारी कमीशन के मेम्बरों ने हर यात की अत्यन्त परिश्रम के साथ जच की, और उन्होंने अत्यन्त स्पष्ट शब्दों