पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/४५६

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दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ

. उड़ाया जाना . दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ १५१५ ‘एक कुआं कानपुर में है, किन्तु एक कुर्सी अजनाले में भी है । 7 इस प्रकार २६ नवर पलटन के करीब पाँच सौ मनुष्यों को २४ घण्ट के अन्दर परलोक पहुँचा दिया गया। तोप के मुंह स उस पलटन के जो शेप थोड़े से सिपाही लाहौर से अथवा राघी क किनारे से धर उधर भाग निकले थे उन सव को दो वार दिन के अन्दर गिरफ्तार कर लिया गया। और कुछ को लाहौर में और कुछ को अमृतसर में तोप के मुंह से । उड़ा दिया गया । अगले दिन चीफ कमिश्नर सर जॉन लॉरेन्स और जुडीशल कमिश्नर सर रॉबर्ट मॉटगुमरी ने समस्त घटना बातों को का समाचार पाकर कूपर को अत्यन्त प्रशंसा ईनाम के के पत्र लिखे, जो कूपर की पुस्तक में छपे हुए हैं । हिन्दू तहसीलदार और सिख घातकों को बड़ी बड़ी रकम इनाम में दी गई। अजनाले की भीषण घटना यदि हेडरिक कूपर ने अपनी पुस्तक के अन्दर वयान न की होती तो हमें उस पर पूरा विश्वास हो सकना कठिन था। किन्तु हमने जो कुछ ऊपर बर्णन किया है, ने पर ही के शब्दों में किया है ! इस पर भी इस घटना की तसदीक करने के लिए हमने फुलबाड़ी’ पत्र के सम्पादक शानी होरासिंह जी को कष्ट दिया। • "There is a rel at Carpore, but there is also one at Ajalab" Ibid.