पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/४७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१५२३
दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ

दिलीपजाब और बीच की घटनाएँ १५२३ अधीम, तीसरा ब्रिगेडियर जोन्स के के अधीन, चौथा मेजर रीड के अधीन और पाँचवाँ ब्रिगेडियर लॉझफील्ड के अधीन। पइले तीन दलों ने जनरल निकल्सन के प्रधान नेतृत्व में कांग्रामीरी दरवाज़े की ग्रोर से प्रवेश करना चाहा, चौथे दल ने मेजर रीड के अधीन काबुली दरवाज़े औौर सब्जी मण्डी की भोर से बढ़ना चाहा 1 सबसे पहले यूट्य के थोड़ी देर बाद निफरसन अपने दल सहित फ़सी की ओर बढ़ा भीतर से कान्तिकारियों की तोपों ने गोले बरसाने शुरू किए। दीवार के नीचे अंगरेज़ और सिख सिपाहियों की लाशों के ढेर लग गए । फिर भी उन्हें रौदते हुए निकल्सन और उसके कुछ साथी दीवार तक पहुँच गए। पिछले सात दिनों के प्रयत्नों में दीवार का कुछ टुकड़ा टूट चुका था। इस टुकड़े के पास सीढ़ी लगा दी गई । निकलना पहला अंगरेज़ वीर था, जिसने गोलियाँ और गोलों की बौछार के अन्दर काशमीरी दरवाजे के निकट फ़सील पर चढ़ कर विजय का विगुल बजाया। इसो प्रकार मरते मारते दूसरा दल एक औौर ओर से फ़सील पर - चढ़ कर शहर के भीतर कूद पड़ा । तीसरा दल 23 दिएली के अन्दर काशमीरी दरवाजे की नोर वढ़ा । कुछ अफसरों का प्रवेश र" ने आगे बढ़ कर दरवाजे को बारूद से उड़ा देना चाहा। दोबारों और खिड़कियों से धुआंाँधार गोलियाँ बरसने लगीं । कई अंगरेज़ औौर देशी अफसर इसी प्रय • में मारे गए 1 अन्त में एक ने दरवाजे तक वारूद पहुँचा दी और कम्पनी को सेना में :