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दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ

दिलीपजाब और वीच को घटनाएँ १५३७ । 5 मॉबरे टॉमसन ने सर हेनरी कॉटन से कहा था कि दिल्ली में "कुछ मुसलमानों को नहात करके, ज़मीन से बांधकरसिर से पांव तक जलते हुए ताँबे के टुकड़ों से अच्छी तरह दाग दिया गया था ! इन लोगों को मारने से पहले कभी कभी उनको धर्मनष्ट करने की णित क्रिया भी की जाती थी। एक अंगरेज़ धमेनष्ट करने के के पादरी की विधवा ने लिखा है कि बहुत से याद हत्या लोगों को पकड़ कर पहले उनसे सोनों के बल गिरक्षा में झा दिलवाई गई और फिर सबको फाँसी दे दी गई है रसल लिखता है कि कभी कभी : – ‘मुसलमानों को मारने से पहले उन्हें सुप्रर की स्थाओं में सो दिया जाता था, उन पर सुआर की चाबी मत दी जाती थी और फिर उनके शरीर जता दिए जाते , और हिन्दुओं को ज़बरदस्ती धर्मनष्ट किया जाता था ।।। इन रोमाचकारी घटना के सम्बन्ध में अधिक उद्धरण देना । अत्यन्त बेदकर है । परिणाम यह हुआ कि एक दिल्ली वीरान और समस्त दिल्ली ख़ाली और वीरान होगई, वार सुनसान बल्कि उन इने गिने घरानों को छोड़ कर जिनसे कम्पनी की सेना को सहायता मिल रही थी, शेष समस्त नगर • India and ent Manaerize, by Sir Hery Cotton, p. 143. f M aty'EuraAMhिo Goaliar, p, 243.

" . . . sering Mohammedans in pig-skins, smearing them with ।

'port-fat betore execution and burning their hodies, and foreing Hindoes to deile themselves. . . . "- -Russells Diary, vol. it, p, 43.