पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/५०४

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१५५१
अवध और बिहार

श्रावध और बिहार १५५१ 6 की सेनाओं को पीछे हट जाना पड़ा हैबलॉक को अब पता चला । कि नाना मे एक अधिक विशाल संता जमन के किनारे कालपी में जमा कर रखी है 1 यदि हैवलॉक लखनऊ की ओोर बढ़ता तो नाना फिर तुरन्त लाकर कानपुर पर फिर से कब्जा कर लेता 1 घबरा कर जनरल हैबलॉक ने कलकत्त सन्देशा भेजा- "लोग एक भयभर सइट में हैं । यदि और अधिक सेना सहायता के लिए न पहुंची, तो थरेजी सेना को लखनऊ का विचार छोड़ कर इलाहाबाद लौट जाना पढ़ेगा इस संयवर नापत्ति का और कोई इलाज नहीं नाना अभी कालपी में तैयारी कर ही रहा था कि हैवलॉक के सन्देर्शो पर चार सप्ताह के अन्दर सर जेम्स नई अंगरेजी सेना ऊटरम और अधिक सेना लेकर हैवलॉक की सहायता के लिए १५ सितम्बर को कलकत्से से कानपुर पहुँच गया । कुछ सेना अब कानपुर की रक्षा के लिए छोड़ दी गई। शेष सेना ने २० सितम्बर को फिर एक बार कानपुर हैवलॉक की दूसरी से लखनऊ के लिए प्रस्थान किया । जनरल लखनक यात्रा हैवलॉक मे सबसे पहले २५ जुलाई को लखनऊ जाने के लिए गड्रा को पार किया था । दो महीने तक उसे आगे। f ’ बढ़ने में सफलता न हो सकी और बार बार कानपुर लौट जाना पड़ा । किन्तु २५ जुलाई की अंगरेजी सेना और २० सितम्बर की • " e ate in a terrible fix, ff ney reinforcements do not arrive, the British army can not escape the terrible fate of abandoing Lucknow and Petreating to Allahabad. -Havelocks message to Calcutth.