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भारत में अंगरेज़ी राज

१५द६८ भारत में अंगरेज़ी राज के अधीन पूर्व को जोर से लखनऊ की ओर बढ़ो। इसके अतिरिक्त उसी ओर से दो और सैन्यदल कम्पनी की सेना के एक जनरल लैंक्स के अधीन और दूसरा जनरल रोक्राफ्ट के अधीन लखनऊ की ओर बढ़ । २५ फरवरी सन् १८८ को ये तीनों विशाल सैन्यट्ठल घोगरा पार कर घम्बरपुर पहुँचे। अम्बरपुर एक छोटा सा दुर्ग था, जिसमें केवल ३४ भारतीय सिपाही थे । इन मुट्ठी भर लोगों ने विशाल दमन में नैपातिों नेपाली सेना जो को, नागे थी युद्ध का निमन्त्रण का हिस्सा दिया। नेपाली सेना ने श्रम्वरपुर के दुर्ग पर हमला किया । ३४ रक्षकों में से प्रत्येक लड़ते लड़ते शपने स्थान पर कट कर मर गया । कहा जाता है, नेपाली सेना के सात श्रादमी सरे और ४३ घायल हुए । इसके बाद दुर्ग पर नेपाली सेना का क़ब्ज़ा हो गया l* लखनऊ दरवार ने गृफूरखेग को जनरल फ़ैक्स के मुकाबले के लिए सेना देकर भेजा। सुलतानपुर आदि स्थानों पर कई जबरदस्त संग्राम हुए । अन्त में नेपालियाँ और अंगरेजों की यह संयुक्त विशाल सेना पूर्वीय अवध पर विजय प्राप्त करती हुई भागे बढ़ चली । मार्ग में एक दुर्ग दौरे का था। डैक्स अपने दल सहित इस दुर्ग को बिज , करने के लिए बढ़ा । किन्तु । दौरारे का अजय दौरा से फ्रेंड्स को हार खाकर पीछे हट हु जाना पड़ाजिसके दण्ड में कैम्पबेल ने टैक्स हैं

  • talleson's Italian lttiny, vol iv, 2. 227.