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भारत में अंगरेज़ी राज

१५७६ भारत में अंगरेजी राज कर दिया 1 उन्हें तुरन्त गोली से उड़ा दिया गया। किन्तु जव कुछ क्रान्तिकारियों ने जिद की कि कैदी अंगरेज स्त्रियों को भी मार? डाला जाय तो वेगम ने इनकार कर दिया। इतिहास लेखक चार्ल्स वॉल लिखता है षियों के विषय में बेगम ने उन लो की माँग को पूरा करने से ज़ोरों के साथ इनकार कर दिया । बेगम ने तुरन्त महंत के जनाननाने के अन्दर उन अंगरे स्वियों को आपने संरक्षण में ले लिया । बेगम का यह कार्य ची जाति के मान को पढ़ाने वाला था ।’’ है । कम्पनी को सेना ने महल में घुस कर भी लूट और फ़रोग्राम जारी रखा। महल के जनानख़ानों के अन्दर लखनऊ बेगमें की श्रनेक त्रियाँ मारी गई । शेष स्त्रियाँ कैद कर ती गई। महल की इन त्रियों के दिलों में भी अपने नान्दोलन की पवित्रता और उसकी अन्तिम विजय में पूर्ण विश्वास मौजूद था। एक छोटी सी घटना कई अंगरेजी इतिहाड़े में दी हुई है। एक दिन इन कैदी बेगमों के अंगरेज पहरेदारों ने हंस कर उनसे पूछा ‘क्या आपका यह ख्याल नहीं है कि अब यह जद ख़त्म होगई १” बैगों ने उत्तर दिया-नहीं’ इसके ख़िलाफ़ हमें पूरा यकीन है। कि आढ़ीर में तुम्हारी ही हार होगी ।"# • "To the honor ot womanhood, the derland Fas imperatively refused by the Begum so far as the females were concerned, and they were imedia tely taken under her care in the Zenhann of the palace. "-Charles Balts Indian Khuiryvol. ii, p. 94. t Narratak f t: Indian Natiny, . 348Russel's Diary400.