पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/५६०

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१६०३
लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे

लक्ष्मीबाई औौर तात्या टोपे १६०३ ने ।ि ले के अन्दर के पानी के चश्मे पर गोले बरसाने शुरू किए 1 ६-७ ग्रामी पानी लेने के लिए पहुंचेजिनमें से चार यहीं पर सर गएशेष आपने परम ट्रह कर भारा ग्राए । चार घण्टे तक किसी को नहाने धोने तक के लिए पानी न मिल सका । इस पर पश्चिमी घर बिखनी फाटों के सचि ने कम्पनी की सेना के ऊपर लगातार गोरैयारी शुरू की गौर कम्पनी की जो सतोपें शद्र मिट्टे पर हमला कर रही थीं उनके मुंह फेर दिए । तय जाटर लोगों का नहाने और पीने के लिए पानी मिल सका । इमली के घरों के नीचे बारूद का एक कार ाना था 1x x एक गोक्ता इस कार ाने पर पड़ा जिससे ३० श्रादमी और 5 स्त्रियों मर गई। उसी दिन सयसे प्रधिक शेर मचा , उस दिन का संग्राम भीपण था । यन्दूकों की श्नावा दिलों के दहस्ताती थी, ताप ज़ोरों के साथ चल रही थीं। जगह जगह तुरही और चिगुल की प्राचाज़ सुनाई देती थी । ग्र।समान छू र गई से भरा हुचा था। शहर फ़सील के ऊपर के कई तोपची और अनेक सिपाही मारे गए । उनकी जगह दूसरे नियुक्त कर दिए गए । रानी ल घसी याई डस दिन थढे परिश्रम के साथ कार्य करती रही 1 वह हर एक चीड़ का द देती थी, थावश्यक ग्राझाएँ जारी करती थी और घीयार में जद्दों कमजोरी देखतीरम्स मरम्मन करती । रानी की इस उपस्थिति से सिपाहियों की हिम्मत बेहद बढ़ गई । वे बराबर रह ए से रहे ।'ी। किन्तु कम्पनी की विशाल सेना प्रौर उसके सामान के मुक़ाबले में झाँसी की सेना का अकेले बहुत अधिक देर तक ठहर सकना असम्भव था । • D, 7. Parasnis' Lik / tak..net ai (Marathi), pp. 187-93.