पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/५६८

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लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे

लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे १६०8 में मिला लिया गया। इस घटना के विषय में इतिहास लेखक 'है मॉलसन लिखता "हिटलॉक की सेना के उपर वहां किसी ने एक गोली भी न च स्काई थी,

, फिर भी हिटलॉक ने इरादा कर लिया कि बालक रब के साथ इस प्रकार

का व्यवहार किया जाय जैसा किसी ऐसे मनुष्य के साथ किया जाता है जो अंगरेज़ी सेना के विरुद्ध लड़ा हो । इस बेईमानी और अन्याय का कारण यह था कि करवी के सइल में मात भरा हुआ था जिससे सिपाहियों को अनेक कठिन संग्राएँ और गमी की कटकर यात्राओं के लिए इनाम दिए जा सकते थे । करखी के महल के तहख़ानों औौर ख़ज़ानों में सोना, चाँदी, जवाहरात और श्रीमती हीरे भरे हुए थे ।” x ईं हिटलॉक को इस धधन का। लम था ।’‘* इसके बाद हिटलॉक महोबा पहुँचा, बहाँ से उसने सेना भेज कर ग्रास पास के क्रान्तिकारियों को दमन करना शुरू किया। रानी लक्ष्मीबाई, रावसाहव, तात्या टोपे, बाँदा का नबाव, शाहगढ़ और बानापुर के राजा औौर अन्य अनेक क्रान्तिकारियों में क्रान्तिकारी नेता उस समय अपनी अपनी सेना सहित काल में मौजूद थे । इस विशाल सैन्य अव्यवस्था । - ए -- - - - - - - -

  • " Not a shot had been fired against him (hitiock, but he resolved

A never the tea s to treat the yound Rho as tuough he had actually oppoked the British forces, The reason for this perversion of honest dcalin lav in the Inck that in the 10alace of it isi was stored the rhere-ritball to co1 penate soldiets for any a hard fight and many a brolling sun In its Naults anl stron roods were secie , ewels, and diamends of priceless Naine . . . . The wealth as coveted. "-aye and tallesson's faia :

  • ffich, wol. ", 7. 140-41.