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भारत में अंगरेज़ी राज

११८ भारत में अंगरेज़ी रा ज़ जैसों की नीति कितनी दूरदर्शिता की थो । नतीजा यह कि करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व तक जो देश संसार के शिक्षित देशों की श्रेणी में गिना जाता था, वह डेढ़ सौ वर्ष के ' विदेशी शासन के बाद अब संसार के सभ्य कहलाने वाले देशों में, शिक्षा की दृष्टि से, श्चतम सबसे अधिक पिछड़ा हुआ हैजिस देश में प्राय: प्रत्येक मनुष्य लिखना पढ़ना और हिसाब करना जानता था, वहीं अब क़रीब ९४ प्रतिशत श्रशिक्षित हैं और थोड़े से अंगरेजी शिक्षा पाए हुए लोग अपने शेष देशवासियों के सुख दुख की ओर से उदासीन, सच्ची राष्ट्रीयता के भावों से कोसों दूर, विदेशी सत्ता के निज पृष्ठपोषक वन हुए हैं।