पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/५९२

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लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे

लक्ष्मीबाई औौर तात्या टोपे १६२ड। का श्रन्त समय बह घटना हुई तो भारतीय ब्रिटिश राज्य के इतिहास में एक विशेप सीमात्रिम्हू मानी जाती है। क्रान्ति कम्पनी के शासन के प्रारम्भ में पेशीनगोई हो चुकी थी कि अंगरेज़ कम्पनी का राज भारत से उठ जायगा। निस्सन्देह कम्पनी का राज पहली नवम्बर सन् १८५८ से हिन्दोस्तान से हटा लिया गया । इङलिस्तान के शासकों ने उस समय कम्पनी को एक सौ वर्ष की सता का अन्त कर देना ओपनी कुशल के लिए श्रावश्यक समझा। किन्तु पहली नवम्बर से ईस्ट इण्डिया कम्पनी के स्थान पर इनेंलिस्तान की मलका बिष्टोरिया का राज इस देश पर क़ायम कर दिया गया। लॉर्ड सैनिक इलाहाबाद में थी । पहली नवम्बर को ‘भारतीय नरेशाँ औौर भारतीय प्रक्षा के नाम मतका विक्टोरिया मतफा विक्टोरिया का एक प्लान भारत में प्रकाशित का एलान किया गया। उसी दिन लॉर्ड कैनिद्र ने स्वयं भलाहाबाद में दाराग के निकट किले के नीचे यह एलान सहन्न मनुष्यों को पढ़ कर सुनाया । इस प्लान में विक्टोरिया को प्रोर से भारतवासियों को सूचना दी गई कि कम्पनी का राज अब से समाप्त हुआ और उसके स्थान पर भारत के शासन की यारा हमने ( अर्थात् मलफा विक्टोरिया ने ) अपने हार्मों में ले ली है, सिवाय उन लगा के जो हमारी अंगरेज़ो प्रज्ञा की इत्या में भाग लेने के अपराधी हैं ोप जो लोग भी हथियार रख देंगे को क्षमा कर दिया जायगा; हिन्दोस्तानियाँ उन लव .