पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/६

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अन्त —अमीरों का चरित्र—अमीरों का शासन प्रबन्ध-खेती और आयपाशी-धार्मिक सद्भावना-सिन्ध विजय पर जनरल नेपियर के उद्गार।

पृष्ठ ११९०-१२३७

उन्तालीसवाँ अध्याय
अन्य भारतीय नरेशों के साथ एलेनब्रु का व्यवहार

सींधिया-ग्वालियर दरबार का सुशासन-अनुचित हस्तक्षेप-दादा

ख़ासजीवाला-अंगरेज़ दूत मामा साहब-रेज़ीडेण्ट स्लीमैन-ख़ासजीवाला पर झूठा इलज़ाम और उसकी गिरफ़्तारी-एलेनब्रु का वास्तविक इरादा-ग्वालियर पर हमला-नई सन्धि-कैथल पर क़ब्ज़ा-रणजीत सिंह की मृत्यु और पंजाब में अराजकता-एलेनब्रु की योजनाएं-असफल प्रयत्न-निज़ाम पर दाँत—जेतपुर की रियासत-अवध से क़र्ज़-दिल्ली सम्राट की नज़रें बन्द-एलेनब्रु की वापसी।

पृष्ठ १२३८-१२५७

चालीसवाँ अध्याय
पहला सिख युद्ध

सिख युद्ध की तय्यारी-तीन देशद्रोही-बहाने की तलाश-राई का पहाढ़-सन्धि का लगातार उल्लंघन-अहसान फ़रामोशी-सिख सेना को भड़काने के प्रयत्न-युद्ध का एलान-मुदकी का संग्राम-फ़ीरोज़ शहर का संग्राम-अलीवाल की लड़ाई-शुबरांव की लड़ाई-सिख सैनिकों की असीम वीरता—शामसिंह अटारी वाला लाहौर दरबार के साथ