पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/६१४

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पचासवाँ अध्याय सन् ५७ क स्वाधीनता संग्राम पर एक दृष्टि इस विशाल राष्ट्रीय प्रयत के कारण और उसकी प्रगति को ऊपर के पृष्ठ में विस्तार के साथ वर्मान किया असफलता से जा चुका है । इस प्रयत की असफलता के मुख्य कारण कारण भी इन्हीं पृष्ठों में स्थान स्थान पर दिखाए जा चुके हैं । इनमें मुख्यतम में दो दिखाई देते हैं पहला यह कि कारतूस और विशेष कर मेरठ की घटना के कारण संग्राम नियत समय से पहले शुरू हो समय से पूर्व युद्ध 'गया। हम ऊपर माँलेसनवित्रसम, हाईट जैसे अंगरेज़ विशेयरों की सम्मति इस विषय में नफ़रत कर चुके हैं कि यदि पूर्व निश्चय के अनुसार ३१ मई सन् १८५७ को सब स्थानों पर पके साथ युद्ध शुरू हुआ होता तो का मरी