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भारत में अंगरेज़ी राज

१६६ भारत में । अंगरेजी राज जो हो, भारतवासियों के लिए अब मुख्य कार्य केवल अपने धार्मिक, सामाजिक और नैतिक माधुर्यों को हमारे भावी स्थिर करना है । इसी के साथ साथ उन्हें यदा 'अहिंसा' की शक्ति को समझना होगा और अपने मन में 'अहिंसा' की श्रजेयता और उपयोगिता में विश्वास उत्पन्न करना होगा । हम अपर लिख चुके हैं कि भारत के पग उस भाधी अपूर्व विजय की और साफ़ औौर ढूंढ़ता के साथ बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं । प्रश्न केवल समय का है। अंगरे इतिहास लेखक फॉरेस्ट लिखता है "सत्र ३७ की क्रान्ति हमें इस बात की याद दिलाती है कि इमारत साम्राज्य एक ऐसे पतले छिलके के ऊपर कायम है, जिसके किसी भी समय सामाजिक परिवर्तनों और धार्मिक क्रान्तिों की प्रचण्ड ज्वालाओं द्वारा टुकड़े टुकड़े हो जाने की सम्भावना है ।'s

"The Mutiny reminds us that or dominions est on A thin crust

ever likely to be rent by titanie fres o social cenges and religious evol& | tions, "--StaiPar, by Forges, Introduction.