पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/६८

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पहला अफ़ग़ान युद्ध

पहला अफगान युद्ध ११६५ में हैं ” दोस्तमोहम्मद के चरित्र पर भूठे कल लगाए गए हैंबर्स के चरित्र पर कूड़े कल लसाए गए हैंयर्स के पत्र व्यवहार में काट चट करके बन्र्स और दोस्तमोहम्मद दोनों के बयानों में भयन्झर धूल मिला दिया गया है-दोनों ने जो जो बातें नहीं क वे, कहा गया है, उन्होंने कीं, और जो बातें उन्होंने कीं, वे कहा गया है, उन्होंने नहीं कीं।’ x x 8 मई सन् १८३८ में बन्र्स काबुल से शिमले वापस आ गया। कहते हैं कि बनर्जी की अनुपस्थिति में कसी राजदूत का प्रभाव काबुल के दरबार में बढ़ने लगा । निरपराध अफगानियों के साथ युद्ध छेड़ने के लिए केवल .. भारत के अंगरेज़ ही जिम्मेवार म थे । इतिहास- अपहरण नीति लेखक कीन साफ़ लिखता है कि इइलिस्तान के मन्त्रो पहले से अफ़ग़ानिस्तान पर हमला करने का निश्चय कर चुके थे और उनसे ही इस युद्ध का सूत्रपात हुआ । प्रधान मन्त्रो लांड पामर्सटन के कई गुप्त पत्र इस विषय में गबरनर जनरल के नाम आ चुके थे कम्पनी के डाइरेक्टरों के चेयरमैन ने गबरनर जनरल को एक पत्र लिखा जिसमें उसने गबरनर जनरल को पहले

  • "1 can not indeed suppress the utterance of my abhorrence of his

system of garbling the oficial correspondence of public men - . . . The dishonesty by which lie upon lie is palmed upon the world has not one redeenming feature . . . In the case before ts . . . the character of Dost Mohammed has been lied away, the character of Burnes has been lled जa wayboth, by the mutilation of the correspondence of the latter, has been eartelly mirepresented both have been set lorth as doing what they did। not, and omitting to do what they did . . . . "-Kayes Lest f Indian Offer, vol, E.