पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/९४

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पहला अफ़ग़ान युद्ध

पहला अफगान युद्ध ११८३ । समझता था जितना कि उससे पूर्व का कोई भी और गबरनर 2 जनरल । अफ़गान युद्ध की हारों और विपत्तियों का प्रभाव भारत के नरेश और भारतीय प्रजा के ऊपर अंगरेजों के यूठे एलान लिए हितकर न था । लॉर्ड एलेनझू ने १७ मई सन् १८४२ को ड्यूक ऑफ़ वेलिझटम के नाम एक पत्र में गर्व के साथ स्वीकार किया है कि इस ग्रहितकर प्रभाव को दूर करने के लिए मैंने भारतवर्ष भर में एलानों के ज़रिए भूठी ख़बरों के फैलाने में तनिक भी संकोच नहीं किया। इस तरह के झूठे एलान विशेष कर हैदराबाद दक्खिन में, सिन्ध में, नैपाल में, सागर जिले में और बुन्देलखण्ड में प्रकाशित कराए गए। पहले अफ़ग़ान युद्ध से सम्बन्ध रखने वाली लॉर्ड पतेनघु के समय की एक और घटना उल्लेख करने योग्य है। मुसलमानों का यूरोप के अन्दर करीब एक हज़ार वर्ष से मुसलमानों और ईसाइयों में युद्ध चले जाते थे। लॉर्ड एलेन७ मुसलमानों को अंगरेजों का विशेष शान समझता था । उसका विचार था कि मुसलमान कभी अंगरेजों का साथ न देंगे । इसलिए वह हिन्दुओं को खुश करके उन्हें मुसलमानों के बिरुद्ध अंगरेजों की ओर मिलाए रखना चाहता था। अफगान युद्ध के समय हिन्दुओं को प्रसन्न करने का लॉर्ड एलेनन को एक बड़ा सुन्दर अवसर हाथ आया। ईसां की ग्यारहवीं शताब्दी में कहा जाता है महमूद ग़ज़नवी ७५