पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/९६

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पहला अफ़ग़ान युद्ध

पहला अफगान युद्ध १९८५। कर लेना भी अंगरेजी राज के लिए हितकर न समझते थे । लॉर्ड मैकॉले इस दूसरे पक्ष का था । सोमनाथ के इन किवाड़ों के विषय में १८ जनवरी सन् १८४३ को लॉर्ड प्लेनघ ने ड्यूक ऑफ़ वेलिजेंटन को लिखा मुझे हर तरह से विश्वास है कि सोमनाथ के मंदिर के विवाह फिर से स्थापन करने के एलान से असंख्य हिन्दू जनता प्रसन्न ऑौर सन्तुष्ट हो गई है । मुझे कोई वजह यह मानने की नजर नहीं आती कि मुसलमान इससे नाराज़ हुए हों, किन्तु मैं इस विश्वास की जोर से अपनी पुत्री पद नहीं कर सकता कि मुसलमान जाति ज'टू से ही हमारी दुश्मन है, इसलिए हमारी सच्ची नीति हिन्दुओं को अपनी चोर मिताए रखने की होनी चाहिए, 5), x & K ।’’ इसी तरह के विचार लॉर्ड पहनन्दू के दूसरे पत्रों में भी भरे हुए हैं, अनेक पत्रों से यह भी साफ़ साफ़ मालूम होता है कि वह औरझोव जैसे मुसलमानों के कृत्यों की याद दिला दिला कर उन्हें हिन्दू धर्म का , और अंगरेज सरकार को हिन्दू धर्म और हिन्दू जाति का रक्षक दिखलाना चाहता था। सोमनाथ के किवाड़ अभी आगरे तक भी पहुँचने न पाए थे ।

  • "1 have every reason to think that the restoration of the gates ol the

temple of Sonnath has concilinted and gratified the great mass of the lineloo populationI have no reason to suppose that it has ofondel the russel mans, but t can not close my eyes to the belief that, that race is undamen ally hosttle to us, and therefore our true policy is to concilinto the titloos, - . , "--Lord Bllenborough to the Duke of WellingtonJanuary 18, 1843.