पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४१७

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दूसरे मराठा युद्ध का अन्त

८२१ दूसरे मराठा युद्ध का अन्त इस पर जुलाई सन् १८०६ की रात को वेलोर की छावनी के हिन्दोस्तानी सिपाही बिगड़ खड़े हुए। दो बजे बजार का दर रात को उन्होंने सदर गारद के सामने जमा होकर अपने कमाण्डिङ्ग अफसर करनल फैनकोर्ट के मकान को घेर लिया और उसे गोली से मार दिया। उसके बाद उन्होंने अपने शेष ईसाई अफ़सरों और गोरे सिपाहियों को खत्म करना शुरू किया। किन्तु अन्त में यह बग़ावत शान्त कर दी गई और बागियों को पूरा दण्ड दिया गया। टीपू सुलतान के बेटे और उसके घर के लोग उन दिनों वेलोर के किले में कैद थे। बाद में साबित हो गया कि इन लोगों का इस बगावत से कोई किसी तरह का सम्बन्ध न था, फिर भी उन्हें वेलोर से हटाकर बङ्गाल भेज दिया गया। गवरनर बेण्टिङ्क और कमाण्डर-इन-चीफ़ केडक दोनों बरखास्त कर दिए गए, और कम्पनी के अफसरों का ईसाई मत प्रचार का जोश बहुत दर्जे तक ठण्ढा हो गया। ___ सर जॉर्ज बारलो को अब गवरनर जनरली से हटाकर मद्रास का गवरनर नियुक्त करके भेज दिया गया और लॉर्ड मिण्टो को उसकी जगह गवरनर जनरल नियुक्त किया गया।

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