पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/१७७

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मुगलो का समय

मुग़लों का समय कांश दक्खिन को भी, एक सरकारी भाषा, एक शासन पद्धति, एक समान सिक्के, और हिन्दू पुरोहितों या निश्चल ग्रामीण जनता को छोड़ कर बाक़ी समस्त श्रेणियों के लोगों के लिए एक व्यापक सर्वप्रिय भाषा प्रदान की। जिन प्रान्तों पर मुग़ल सम्राटों का बराहरास्त शासन था (यानी जिनके सूबेदार दिल्ली सम्राट की ओर से नियुक्त किए जाने थे), उनसे बाहर भी श्रास पास के हिन्दू राजा, कम या अधिक, मुग़लों की शासन प्रणाली, उनकी सरकारी परिभाषाओं, उनके दरबारी शिष्टाचार, और उनके सिक्कों का उपयोग करते थे। _ "मुग़ल सम्राज्य के अन्दर बीस भारतीय 'मूबे' थे। इन सब सूबों पर ठीक एक प्रणाली के अनुसार शासन किया जाता था, सब में एक शासन विधि का पालन किया जाता था, और विविध सरकारी श्रोहदों के नाम और उपाधियाँ सब में एक समान थीं। तमाम सरकारी मिसलों, फरमानों, सनदों, माफ़ियों राहदारी के परवानों, पत्रों, और रसीदों मे एक फारसी भाषा का उपयोग किया जाता था। साम्राज्य भर में एक समान वज़न, एक से मूल्य, एक नाम और एक सी धातु के सिक्के प्रचलित थे, केवल जिस शहर की टकसाल का कोई सिक्का बना होता था उस शहर का नाम उस पर और खुदा होता था। सरकारी कर्मचारियों और सिपाहियों का अक्सर एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त में तबादला होता रहता था। इस तरह एक प्रान्त के रहने वाले दूसरे ग्रान्त में पहुँच कर उसे करीब करीब अपने घर की तरह समझने लगते