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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज ___ इस प्रकार कम्पनी के अंगरेज व्यापारी सन १७५६ में भारत के सबसे अधिक उपजाऊ और समृद्ध प्रान्त अंगरेजों का बंगाल बंगाल से निकाल बाहर किए गए। हॉलवेल ने से निकाला जाना "" सम्पनी के डाइरेक्टरों के नाम अपनी ३० नवम्बर १७५६ की चिट्ठो में लिखा :- "इतनी घातक और शोकजनक अापति बाबा आदम के समय से लेकर अाज तक किसी भी कीम या उसके उपनिवेश के इतिहास में न आई होगी। लिराजुद्दौला ने 'कलकत्ते' का नाम बदलकर 'अलीनगर' रक्खा और अपने एक दीवान राजा मानिकचंद को अलीनगर और उसके आसपास के इलाके का हाकिम नियुक्त किया। प्रायः समस्त अंगरेज़ इतिहास लेखक अपनी कौम की इस हार ____ के साथ एक भयंकर हत्याकाण्ड का जिक्र करने "ब्लैक होल" का जिले लेक होल" हत्याकाण्ड, या बंगाल में किस्सा ' "अंधकूप हत्या", कहा जाता है। ब्लैक होल कलकत्ते को अंगरेजी कोठी के अंदर एक अँधेरी कोठरी या काल- कोडरी थी, जो अंगरेज व्यापारियों ही की बनाई हुई थी और जिसमें कम्पनी के अफसर अपने हिन्दोस्तानी अपराधियों या कर्जदारों को बंद कर दिया करते थे । इन अंगरेज लेखकों का बयान है कि २० जून की रात को इस १८ फुट लम्बी और कुछ कम चौड़ी कोठरी में सिराजुद्दौला के हुकुम से १४६ यूरोपियन कैदी बंद कर दिए गए । जून का महीना, जगह की तंगी और ताजी हवा न मिल सकने के कारण अनेक तीव्र यातनाओं के बाद सुबह तक इन १४६