पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६४७

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सर जान मैक्फरसन

सर आन मैक्फरसन ३६७ इसके बाद मैक्फरसन का नवाब करनाटक की मुसीबतों की ओर कसी भ्यान भी न गया। मैक्फरसन केवल बीस महीने गवरनर जनरल रहा। इससे . पहले कम्पनी अपने भारतीय इलाकों के लिए भैरसन के विलीसमा शाहआलम को खिराज दिया करती कृत्य और चरित्र

  • थी। इस खिराज के चार करोड़ रुपए अब

कम्पनी की ओर निकलते थे। माधोजी (महादजी) सोंधिया ने सम्राट की तरफ से यह रकम तलब की, किन्तु मैफरसन ने देने से इनकार कर दिया। अवध के नवाब को मैफरसन ने अपने से पहले के गवरनर जनरल के समान खूब चूसा : मैक्फरसन के बाद उसके उत्तराधिकारी लॉर्ड कॉर्नवालिस ने - अगस्त सन् १७८६ को कलकत्ते से इंगलिस्तान के भारत मन्त्री हेनरी डण्डास के नाम एक गुप्त पत्र लिखा, जिसमें कॉर्नवालिस ने मैफरसन के "नाजायज तरीकों से कमाए हुए धन” उसकी “साफ़ चालबाजियों", उसके "निर्लज झूठों", उसकी "दुरंगी चालों और कमीनी साज़िशों"* का जगह जगह ज़िक्र किया है। भारत से लौटकर मैक्फरसन पार्लिमेण्ट की मेम्बरी के लिए खड़ा हुआ। चुनाव में वह जीत गया। बाद में साबित हुआ कि वह रिशवतें देकर जीता है और उसका चुनाव रद्द कर दिया गया। ____ * " all earned neLey . . . His thems running and shameless talrehoods his duplity ance iow intrigres . . .'--Lord Comvalas letter dated 8th August 1783 to the Rt. Hon'ble Hexrvindas couERE SH John Lacpherson