पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/६०

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साथ युद्ध छेड़ दिया। नई नीति और नवीन विचारों को प्रचलित करके समाज और राजनीति की सभ्यता में मोहम्मद ने क्रान्ति उत्पन्न करदी।"

डा० मिरचिल का कहना है:---

"क़ुरान की अधिकांश बातें दर्शन, ज्ञान और बुद्धि से बाहर की हैं, उसकी शिक्षा सिर्फ अवैज्ञानिक ही नहीं है, अपितु बुराई भी उत्पन्न करती है।"

डा० फोरमैन लिखते हैं---"जो आदमी क़ुरान को पढ़कर उस पर चलेंगे अवश्य निर्दयी और कामी बन जावेंगे।"