पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/८८

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के भी अधिकृत प्रदेशों में अधिक शक्तिशाली हिन्दू जमींदार और हिन्दू प्रजा थी।

बदाऊँनी ने लिखा है:--

"हिन्दुओं के बराबर प्रबल प्रतापान्वित पठान और मुग़लों में एक भी जाति विद्यमान न थी।" ब्लाकमैन साहेब भी कहते हैं कि--"भारत वर्ष एक दिन भी सम्पूर्ण रूप से मुसलमानों के आधीन न हुआ। भारत का सुविस्तृत क्षेत्रफल और असंख्य हिन्दू अधिवासीगण आक्रमण करने वालों से कहीं अधिक थे।

परन्तु इतना होने पर भी हिन्दू संगठित न हो सके और उनकी राज नैतिक शक्ति छिन्न-भिन्न ही रही।