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पृष्ठ:भाव-विलास.djvu/१५६

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भाव-विलास

 

३—उपमेयोपमा
दोहा

उपमा अरु उपमेय कौ, जहँ क्रम एकै होइ।
सोई उपमेयोपमा, बरनि कहै सब कोइ॥

शब्दार्थ—सरल है।

भावार्थ—जहाँ उपमा और उपमेय का एक ही क्रम हो, उसे उपमेयोपमा कहते हैं।

उदाहरण
सवैया

तेरी सी बेनी है स्याम अमा अरु, तेरीयो बेनी है स्याम अमा सी।
पूरनमासी सी तू उजरी, अरु तोसी उजारी है पूरनमासी॥
तेरौ सो आनन चंद लसै, तुअ आनन मैं सखी चंद समा सी।
तोसी बधू रमणीय रमा, कविदेव है तू रमणीय रमा सी॥

शब्दार्थ—अमा—अमावस्या। उजारी—उज्ज्वल। आनन—मुख। लसै—शोभायमान हो। तुअ—तैरे। तोसी—तेरे समान। रमणीय—सुन्दर। रमा—लक्ष्मी।

४—संशय
दोहा

जहाँ उपमा उपमेय को, आपुस में संदेहु।
ताही सों संसै उकति, सुमति जानि सब लेहु॥