पृष्ठ:भाषा-विज्ञान.pdf/१२

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सप्राण स्पर्श- करण----वृत्ताकार और प्रवृत्ताकार स्वर-दद और शिथिल स्वर-अक्षर और अक्षरांग--संध्याक्षर अथवा संयुक्त स्वर-श्रुति-श्वास-वर्गप्राण-ध्वनि- -~वाक्य के खंड परिमाण अथवा मात्रा-बल-छंद में मात्रा और बल-स्वर-ध्वनि-विचार-भारोपीयध्वनि-समूह-अवेस्ता ध्वनि-समूह--स्वर- भक्ति वैदिक ध्वनि-समूह-अभाव-परिवर्तन-पाली ध्वनि-समूह-~~tयंजन- प्राकृत ध्वनि-समूह-~-अपभ्रंश का ध्वनि-समूह-हिंदी-ध्वनि-समूह-विनि- विचार का दूसरा अंग-मात्रा-भेद-लोप, ग्रादि-व्यंजन-लोप--मध्य-व्यंजन- लोप–अंत-व्यंजन-लोप-~-श्रादि-स्वर-लोप-मध्य-स्वर-लोप-अंत्य-स्वर-लोप- आगम-वर्ण-विपर्यय---स्वर-विपर्यय व्यंजन-विपर्यय संधि और एकीभाव - सावर्ण्य अथवा सारूप्य-असावर्ण्य-भ्रामक व्युत्पत्ति-विशेष ध्वनि-विकार --- ध्वनि-विकार के कारण---मुख-सुख और अनुकरण-वाद्य परिस्थिति-देश अर्थात् भूगोल-काल अर्थात् ऐतिहासिक प्रभाव-नि-नियम-निम-नियम- सदोष नियम-ग्रिम-नियम का निर्दोष अंश-अपवाद-हर्नर का नियम- उपमान--हिंदी और प्रिम-नियम-तालव्य भाव का नियम-अपश्रुति---- अपश्रति की उत्पत्ति । पाँचवाँ प्रकरण रूप-विचार [पृष्ठ १८२-२२७] रूप-विचार और व्याकरण-~-रूप-विचार और व्याकरण में भेद.....विशेष और सामान्य रूप-विचार-~-कुछ परिभाषाएं -अर्थमात्र और रूप-मात्र---रूप- मात्र का पृथक् अस्तित्व-अपश्रुति और विभक्ति-स्वर-स्वराभाव-द्वित्व- स्थान अथवा शब्दक्रम-रूल-मात्र के तीन मुख्य भेद---अर्थ-मात्र और रूप- मात्र का संबंध-भारोपीय भाषाओं के प्रत्यय--प्रत्ययों के दो भेद-रूप-साधक प्रत्यय-~-आख्यात प्रत्यय--अागम-द्वित्व-शब्द-साधक प्रत्यय---पुरम्प्रत्यय---