पृष्ठ:भाषा-विज्ञान.pdf/१३

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परप्रत्यय--स्वर और अपश्रुति-रूप-विकार-रूप-विकार के कारण-~-वाक्य विश्लेषण प्रांत् शब्दों के भेद-संशा-वचन-कारक सर्वनाम--- विशेषण-अव्यय (क) क्रिगविशेषण-(ख) संबंधसूचक---(ग) समुच्चय- योनक-(घ) विस्मयादियोधर-किया-उपसंहार । छठा प्रकरण . अर्थ-विचार [पृष्ठ २२८-२८३] [१] नामकरण-अर्थ-विचार का विषय बुद्धिनियम और ध्वनि-नियम- शब्द के संबंध-बौद्धिक नियम और अर्थ-विचार-चौद्धिक नियम-(१) विशेष भाय का निया---(२) भेद (भेदीकरण) कर नियम-(३) उद्योतन का नियम-(१) विभनियों के भग्नावशेष का नियम-(५) मिथ्या प्रतीति का नियम-(६) उपमान का नियम (७) नये लाभ-(८) अनुपयोगी रूपों का विनाश । [२]-(१) अर्थापकर्ष-(२)अर्थापदेश--(३) अर्थात्कर--(४) श्रथ का मती करमा तग अमृती करा---(५) अर्थसंकोच-(६) अर्थ-विस्तार-- (७) -पर-(E) अनेकार्यता का एक कार--(९) एकोरित समूह-~~(१०) समाग-(२.) नामकरण । शब्द और उसके भेद--राब्द-शक्ति का स्वरूप- शकिके अन्य पर्यायानी शब्द-वाचक शब्द-यवहार द्वारा संकेत-ग्रह---- मा प्रन्य सात प्रादक-व्यवहार संकेत-प्राहकों में प्रधान-संकेत का सम्प-न-माटर-पन्त का कत्ती-अ.भवा के तीन भेद---जन्ना का मामान्य मर्ग का-() लागलवार-(२) उसादान लक्षणा-(३) गोणी मागे :-(0) गोगी गायखाना लक्षणा~-(५) 'शुद्धा सारोपा 1-(२) गुहा नापमाना लदशा-व्यंजना-प्रमियामूला शान्दी नाम ज्ञानी जनाया-यभवा अायी व्यंजना-लय- या ना- शागी जना-चीजोर नाम के