पृष्ठ:भाषा-विज्ञान.pdf/१७८

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ध्वनि और ध्वनि-विकार १५३ स्वर अग्न संवृत ईपत्सवृत to श्री श्री प्र ईषत्विवृत विवृत व्यंजन तालव्य तालु-वी अंतर्दत्य द्वाष्ठय समारण स्पर्श स्पर्श-घर्य गाट ख,घ38 तदप थ फभ bo अम्हन | म्हम अनुनासिक पाश्विक उत्क्षिप्त धर्ष अर्थात् सेरष्म t ह अर्ध स्वर य हिंदी ध्वनि-समूह ये अपभ्रंश-काल की ध्वनियाँ (१० स्वर और ३७ व्यंजन) सभी पुरानी हिंदी में मिलती हैं। इनके अतिरिक्त ऐ (ए) और