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रूप-विचार
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अर्थात् प्रकृति और दूसरा साधक अंश अर्थात् प्रत्यय । प्रकृति दो प्रकार
की होती है-(१) तत्त्ववाचक और (२) भाववाचक । और प्रत्यय भी
प्रधान रूप से दो प्रकार के होते हैं (१) विभक्ति प्रत्यय और (२)
सामान्य प्रत्यय । इन प्रत्ययों का इस प्रकार वर्गीकरण किया जा
सकता है-
मारोपीय प्रत्यय
विभक्ति
(रूप-साधक प्रत्यय)
प्रत्यय
(शब्द-साधक प्रत्यय)
1
परप्रत्यय
पुर:प्रत्यय
६
तद्धित प्रत्यय
कृत् प्रत्यय
७
कारक विभक्ति (सुप्)
क्रिया विभक्ति (तिङ्)
कारक विभक्ति अव्यय विभक्ति
२
पुरुषवाचक प्रत्यय
(ति)
विकरण आगम
आदि