पृष्ठ:भाषा का प्रश्न.pdf/१३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

उर्दू की उत्पत्ति रूप में हिंदुस्तानी की शिक्षा मिले न कि उर्दू का विरोध करने के लिये। याद रहे, गिलक्रिस्ट ने उडू को दरवार की जवान कहा है, कुछ, जनता की भापा नहीं। . सन् १७९६ में (जब उक्त कालेज की स्थापना न श्री) गिलक्रिस्ट ने लिखा था- "Ini the mixed dialect also calle Oordoo, org he polished language of the court, inel which even at this day pervadles the rast provinces of a once powerful Empire." तब उनके सामने भाषा का एक सामान्य ढाँचा था जिसका व्याकरण बनाया गया था। उस समय उनके सामने रेखता का कप था जिसे उर्दू भी कहते थे। परंतु जब उनको उस भाषा की आवश्यकता पड़ी जो सुचमुच देशमापा हो तव उनकी आँख ?-. R. A. S. 1930. p. 393. २---हिंदी और उर्दू को 'प्रकृति' में एकता होने के कारण उनके कयों में समानता पाई जाती है और भाषा-शान्न की दृष्टि ने उन्हें एक ही कह दिया जाता है। नहीं तो अन्य दृष्टियों में विचार करने पर स्पष्ट हो जाता है कि वास्तव में हिंदी और उर्दू में गहरा मतभेद है। क्या प्रवृत्ति, क्या पिंगल, क्या पद-बोजना, क्या कोप आदि, सभी बातों एकता नहीं प्रतिकूलता है। कहाँ तक कई, उनका बाहरी बामा या लिपि भी तो एक नहीं है। लिपि की भिन्नता के कारण एक होने पर भी ये कभी एक नहीं हो सका। फिर भी लिपि की पूरी उपेक्षा हो रही है। जाने इसका क्या मेद है।