पृष्ठ:भाषा का प्रश्न.pdf/७९

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भाषा का प्रश्न $ अथवा मध्यदेश का निवासी। बंगाली लोग हिंदुस्तानी का यही अर्थ लेते हैं। इसी अर्थ को लक्ष्य करके कदाचित् मीर अमन देहलवी ने कहा था--- "से उदू की अरात्तः कर जबान, किया मैंने बंगाला हिंदोस्तान!" हमारी धारणा है कि प्रारंभ में इसी हिंदोस्तान की भाषा को अंगरेजों ने हिंदोस्तानी कहा और इसी कसी को लक्ष्य कर प्रसिद्ध फ्रेच पंडित गार्साद तासी ने अपने सन् १८५२ ई० के व्याख्यान में घोषित किया- "हज़रात ! लफ्ज़ हिंदोस्तानी उस जवान के हक में जिसके लिये यह इस्तेमाल किया जाता है नामौजूं है और उसे इस नाम से याद करना हमारी बद मजाकी है। अलवत्तः उसको. हिंदोस्तानियन कहा जा सकता है। मगर अँगरेजों की तकलीद में हमने भी इसकी इब्तदाई शकल को कायम रखी जैसा कि नाम से जाहिर है। हिंदोस्तानी अह्न हिंदोस्तान की जबान है। मगर यह ज़बान अपने हक़ीक़ी हदूद से बाहर भी बोली जाती है। खसूसन मुसलमान और सिपाही इसको तमाम जजीरह- नुमा हिंदोस्तान नीज़ ईरान, तिब्बत और आसाम में भी बोलते हैं। पस इस जबान के लिये लफ्ज 'हिंदी' या 'इंडियन' जो इब्तदा में इसको दिया गया था और जिस नाम से कि अक्सर बाशिंदे उस मुल्क के अब तक इसको मौसूम करते हैं उस नाम से ज्यादह मौज़ है जो अह्न यूरप ने अख्तियार किया है। अहू यूरप ल.फ्ज हिंदी से हिंदुओं की बोली मुराद लेते हैं जिसके लिये