पृष्ठ:भाषा का प्रश्न.pdf/९३

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भाषा का प्रश्न ८८. उर्दू का साफ मतलब है हिंदुस्तानी नहीं, बल्कि 'दरवार' या आला मुसलमानों की हिंदुस्तानी । हिंदुस्तानी का मतलब है हिंदुई या हिंदी। वह हिंदी, जिसमें फारसी और अरवी का असर छनकर आया हो अर्थात जिसने फारसी और अरवी के शब्दों, भावों और मुहावरों को पचा लिया हो, जिसमें मुसल- मानों की शाही शान छिपी हो, पर जो मदद के लिये हर पल और हर घड़ी फारस और अरब की दौड़ न लगाती हो, अथवा जो ऐसे विचिन शब्दों की टकसाल न कायम करती हो, जो हिंद को छोड़ संसार में कहीं दिखाई न दें, अरब और फारस. के कोश में भी न मिले। किंतु हिंदुस्तानी के समर्थकों की ओर से भरी मजलिस में दावे के साथ कहा क्या जाता है, तनिक इसे भी ध्यान से सुनिए- "यह समझना भी दुरुस्त नहीं कि इस तजवीज के पेश करनेवाले का यह मकसद है कि हम अपनी जवान में कोई ऐसी तबदीली कर ले, जिससे वह हिंदी, या हिंदी के करीब बन जाए। हाशा व कला इस किस्म की कोई बात नहीं है, बल्कि ब.यौनः उसी उर्दू. उसी जबान, उसी बोलचाल को जो हम बोलते हैं, हम हिंदोस्तानी' कहते हैं। १-बाल इडिया मुसलिम एजुकेशनल कानफरेंस में, जो १६३७ ई० में अलीगढ़ में हुई थी, यह तजवीज पेश की गई थी कि 'उर्दू की जगह 'हिंदुस्तानी नाम चालू किया जाय। यह लेख अलीगढ़ मैगजीन, जुलाई सन १६३७ ई०, पृ० १-११ में छपा है ।