पृष्ठ:भूगोल.djvu/१२७

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अलीराजपुर राज्य कहा जाता है कि आनन्ददेव अथवा उदयदेव राज्य का क्षेत्रफल लगभग ८३६६३ वर्गमील राठौर एक बार शिकार खेल रहे थे । वे एक स्वरगोश है। इसके उत्तर में पंचमहल जिला और बारिया के पीछे पड़े। खरगोश एक पहाड़ी पर चढ़ गया । राजा राज्य है । दक्षिण में नर्मदा नदी है जो इस राज्य को भी उसके पीछे पीछे पहाड़ी की चोटी पर पहुँचे । बरवानी राज्य व खानदेश से अलग करती है। पूर्व शिखर पर पहुँच कर खरहा लापता हो गया । राजा में ग्वालियर, इन्दौर, झाबुआ और जोबाट राज्य तो दिन भर का थका माँदा था ही, सो गया। रात हैं। पश्चिम में छोटा उदयपुर और रीवा काँथ को स्वप्न हुआ कि देवी कह रही है कि ऐ राजा ! तू एजेन्सी है। राज्य के अन्दर छोटी छोटी पहाड़ियों की अपना किला इस स्थान पर बनवा । जब सवेरे राजा पंक्तियाँ हैं । इन पहाड़ियों पर घने बन हैं। पहाड़ियों ! पचमहले अलीराजपुर वर्वानी और जो बात नावास अंग्रेजी मीम . ग्वालियर पwa- Surer पुर ग्य नियर मपना उठा तो जहाँ खरहा लोप हो गया था उस स्थान को के बीच घाटियों में छोटे छोटे मैदान हैं। सबसे ऊँची एक बहुत ही रमणीक स्थान पाया। वहाँ राजा ने चोटी राज्य के अन्दर २,२०० फीट है । नर्मदा, रटनी ससाखूथ गाड़ दिया और वहीं आनन्दावली नामक और सुखाद ये तीन नदियाँ हैं। यहाँ की जलवायु किला बनवाया जो अली के नाम से बाद को प्रसिद्ध गर्म है । वर्षा साल में ३५ इंच होती है । १० फी सदी हुआ । उसी दुर्ग के नाम पर राज्य का नाम अलीराज- आदमी खेती पर निर्भर करते हैं । खरीफ व रबी दो पुर पड़ा । पुरानी राजधानी अली जो लगभग १४३७ फसलें होती हैं । जुवार, बाजरा, उर्द, मूंग, तिल, में बनी थी अब बर्बाद हो गई और वर्तमान राज- गेहूँ, जौ, चना, ऊख आदि की पैदावार होती है। धानी राजपुर है। भील, भीलास नामक जातियाँ जंगलों में रहती हैं।