पृष्ठ:भूगोल.djvu/१४२

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अङ्क १-५] नवानगर राज्य . १४१ कोट, धरोल और गोंडल राज्य और पश्चिम में अरब जाम साहब हैं । आप को १५ बन्दूकों की सलामी सागर है । इस राज्य का क्षेत्रफल ३,७९८ वर्गमील है लगती है। और जन-संख्या ४,०९,१९२ है । महाराज, दोवान तथा तीन मंत्रियों को सहायता से बनू और बर्द की खाड़ियों को छोड़कर शेष राज्य राज्य करते हैं। राज्य ग्यारह भागों में विभाजित है। की भूमि समतल है। सिंचाई का कार्य कुओं द्वारा यहाँ वर्षा का सदैव काल रहता है । वर्षा जो होती है है वह होता है। एक तालाब जिसका क्षेत्रफल लगभग ६०० खेती के लिये काफी नहीं होती इसलिये लगभग सभी वर्गमील है । यहाँ से नवा नगर को पीने के लिये पानी खेतों में पक्के कुँए बँधाए गये हैं जो सदैव सिंचाई का जाता है। राज्य में संगमरमर और ताँबा पाया जाता काम दें। पिछले १५ वर्षों में लगभग डेढ़ लाख एकड़ है। यहां कच्छ की खाड़ी में कुछ मोती भी निकाला भूमि में खेती वाली भूमि मिलाई गई है। इस भूमि जाता है। राज्य में बाजरा, ज्वार, गेहूँ, चना, कपास, में सिंचाई का अच्छा प्रबन्ध है । काल के समय प्रजा धान, और तेलहन को उपज होतो है। को सहायता देने के लिये कुछ रुपया राज्य की ओर से अलग रख दिया गया है जो काल पड़ने पर ही यहां के शासक जदेजा राजपूत हैं। १५४० ई० सहायता रूप में प्रजा को दिया जाता है । इसके सिवा में जाम रावल ने नवा नगर की नींव डाली। इस प्रजा को राज्य की ओर से तनाबी भी दी जाती है। वंश के राजपूत अपनी पुत्रियों को पैदा होते ही मार राज्य में खेती का हर पंद्रहवें साल बन्दोबस्त होता है। डालते थे क्योंकि अपनी बहिन या बेटी यह लोग किसी को देना नहीं चाहते थे। अँग्रेज सरकार और सायों की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहाँ पर खेती के साथ ही साथ रोजगार और दूसरे व्यव- जदेजा सरदार के बीच लिखा पढ़ी शुरू हुई कि इस सूती व रेशमी कपड़े का ही मुख्य रोजगार है। जाम खराब रिवाज को बन्द कर दिया जाय । ब्रिटिश नगर रेशम और सोने के बेल बूटों के लिये प्रसिद्ध असर सदैव इस की ताक में रहें कि वह ऐसी यहां पर इतर तथा खुशबूदार तेल भी बनाया जाता हत्या न करें। अंग्रेजों के देख भाल के कारण अब है। भारतीय स्त्रियों के सिरों तथा माथों पर लगाने यह रिवाज बन्द हो गया है। के लिये यहां कनकू तथा सेंदूर तैयार किया जाता है। महाराज रणजीतसिंह जी ने जो "रनजी" के राज्य में तरह २ का सँग मरमर पाया जाता है । यहां नाम से प्रसिद्ध हैं उन्होंने नवा नगर राज्य को उन्नति का बेदी बन्दर बड़ा ही सुन्दर व उपयोगी है वायर दी । यह उनके परिश्रम का ही फल है जो आज हम लेस तथा रेलवे स्टेशन इत्यादि सभी प्रकार की सुवि- राज्य को इतनी उन्नति पर देख रहे हैं । उनको पदवी धाएँ यहां मौजूद हैं । राज्य की एक रेलवे लाइन सारे जाम को है । महाराज का नाम इंगलैंड में क्रीकेट के राज्य में फैली है और राज्य को मध्य भारत से जोड़ती खिलाड़ी के होने के कारण काफी प्रसिद्ध है । ज्येष्ठ है। इसके सिवा राज्य भर में सड़कों तथा टेली फोनों पुत्र गही का मालिक होता है । राजा के पास २,३०३ का जाल बिछा है। सैनिक हैं। और राजा को ११ बन्दूकों की सलामी प्राइमरी तथा सेकेन्डी शिक्षा राज्य में मुक्त दी का हुक्म है । राजा १०,५०० रुपया सालाना भेंट ब्रिटिश जाती है। लगभग प्रत्येक गांव में प्राइमरी स्कूल है। सरकार, बड़ौदा को नरेश को और नवाब जूनागढ़ अस्पतालों में लोगों को बिना मूल्य के दवा दी जाती को देते हैं। राज्य की सालाना आय लगभग ९० है। प्रत्येक जिले में एक अस्पताल तथा प्रत्येक गाँव लाख है। यहां के वर्तमान नरेश लेफ्टिनेन्ट कर्नल किसी न किसी डिस्पेन्सरी के समीप पड़ता है। जाम हिज हाईनेस महाराजा श्री सर दिग्विजय सिंह जी, नगर में एक आधुनिक अस्पताल है। इसके सिवा जी० सी० आई० ई० के० सी० एस० आई० महाराजा राज्य में एक मजबूत सेना है।