पृष्ठ:भूगोल.djvu/१४८

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बाँकनेर राज्य बाँकनेर पश्चिमी भारतीय देशी राज्य एजेन्सी जिसके कारण ५ लाख रुपया कर्ज राज को लेना का एक राज्य है । इसका क्षेत्रफल ४१७ वर्गमील पड़ा । उस समय राज्य की आय तीन लाख के और जनसंख्या ४४,२८० है । इस राज्य में १०१ लगभग थी। अब राज्य की आय ७,२५,३०० रुपया गाँव सम्मिलित हैं । यहां की भूमि हलकी और पहाड़ी है । और राज्य को आर्थिक दशा अच्छी है । है। जलवायु गर्म है तथापि स्वास्थ्यदायक है। शिक्षा की ओर भो राज्य ने प्रशंसनीय कार्य २२ इञ्च सालाना वर्षा होती है। कपास, ऊख, चना, किया है । राज्य में एक हाई स्कूल, एक लड़कियों के जौ, गेहूँ, बाजर, अजुबार प्रधान उपज है । कपास, लिये मिडिल स्कूल और तीन वर्ना क्यूलर स्कूल सूती कपड़े, घी और कुछ थोड़ा गल्ला बाहर भेजा लड़कों के लिये हैं। बाकी २२ प्राइमरी स्कूल हैं । जाता है। प्राइमरी शिक्षा अनिवार्य और बिना मूल्य दी जाती यहाँ के शासक बड़े घराने के झाला राजपूत हैं। है। हाई स्कूल में फीस नाममात्र है । वह फीस और पहले धंधर और बांकनेर के राज्य एक थे । १६०५ ई० कुछ रुपये मिलाकर ६,००० रुपया सालाना वजीफा में सरतन जी ने महियस और बरियस को के तौर पर उच्च शिक्षा के लिये लोगों को प्रदान की मिलाकर इस राज्य की नोंव डाली । १८८१ ई० जाती है । राज्य में एक स्पताल और कई में राजासाहब बान सिंह जी के मरने पर वर्तमान डिस्पेन्सरी है । महाराज कैप्टेन हिज हाईनेस महाराना श्री अमर सिंह जी के० सी० एस० आई०, के० सी० आई० राज्य के अन्दर गाढ़ा और खद्दर खूब बनाया ई०, गद्दी पर बैठे आपका जन्म १८७९ ई० में यहां पर कपास औटने, और बिनौला निकालने के जाता है । बांकनेर का चीना सूत भी बनता है। हुआ है । लड़कपन के कारण राज्य एजेन्सी के कारखाने हैं । बांकनेर में श्री अमर सिंह जी काटेन प्रबन्ध में रहा । १८ मार्च सन् १८९९ ई० में महाराज ने बालिग हो कर राज्य शासन की बागडोर अपने मिल है । जिसमें कई हजार व्यक्ति कार्य करते हैं। मिट्टो के सामान बनाने के लिये भी बांकनर में एक हाथों में ली । १९११ में अप कारोनेशन दार में बड़ा कारखाना है जहां टे खपड़े और दूसरी वस्तुयें देहली गये । महायुद्ध के समय आपने अपनी सागे बनाई जाती हैं । राज्य के अन्दर चूना और पत्थर सत्ता ब्रिटिश राज्य को सौंप दो और फ्रांस में जाकर भी निकाला जाता है। यहां पर एक प्रकार का काला लड़ाई के समय आपने सहायता दी। पिछले वर्ष भी संगमरमर भी निकलता है। आप कुछ नरेशों के साथ कारोनेशन दर्बार में गये । शासन-प्रबन्ध के लिये आपकी सहायता के लिये बाँकनर नगर जो राजा को राजधानी है। यह एक सभा है। राज्य में न्याय विभाग, शासन विभाग पटलियो वकला और माछू नदी के सङ्गम पर स्थित में स्वतंत्र है। राज्य में प्रजा उपज के रूप में अपना है । पूर्व को छोड़ कर बाकी सभी ओर यह नदियों लगान चुकाती है। आवश्यकता पड़ने पर प्रजा से घिरा है । यह मारवी रेलवे का स्टेशन भी है। को सहायता दी जाती है । सिंचाई का भी प्रबन्ध बांकनेर से लगभग ७ मील दूरी पर जदेशर एक राज्य के भीतर है। प्रजा की सम्मति लेने के लिये स्थान है । यहाँ पर महादेव जी का मन्दिर है। और राज्य के भीतर एक राज-सभा १९२१ से बनाई गई दूर २ से यात्री लोग दर्शन को बाल हैं। इस नगर जिसमें १३ राज्य दर्बारी और पांच बाहरी चुने हुये की जलवायु अच्छी और स्वास्थ्यदायक है इसी लिये सदस्य हैं। उनकी बैठक हर तीसरे महीने होती है । लोग यहाँ पर स्वास्थ्य सुधारने के लिये पाते हैं । यहाँ वर्तमान नरेश ने जैसे ही राज्य प्रबन्ध अपने हाथ में पर इसी कारण गज्य की ओर से एक अच्छा लिया वैसे ही एक बड़ा भारी काल राज में पड़ा सेनीटोरियम खोला गया ।

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