पृष्ठ:भूगोल.djvu/१५४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१५३ सचीन राज्य ! सचीन राज्य बम्बई प्रान्त के गुजरात प्रदेश में को उसी वंश के एक सर्दार ने जॅजीरा से निकाल स्थित है। यह राज्य सूरत के जिले में है और यहाँ दिया । बालूमियां ने मरहठों और अँग्रेजों से सहायता का क्षेत्रफल ४९ वर्गमील है, इस राज्य को जनसंख्या के लिये दरखास्त की जिसके फलस्वरूप बालूमियां को ५८,९०३ है। यहाँ की जलवायु स्वास्थ्यदायक है और मचीन मिला । अँजीरा पेशवा को दे दिया गया सालाना वर्षा ४७ इंच है। गेहूँ, जौ, चना, बाजरा, किन्तु जॅजीरा पर पेशवा का कभी भी अधिकार ज्वार, कपास, ऊख आदि की पैदावार होती है। नहीं होने पाया। सचीन पर बालूमियाँ के घराने के खहर, गाढ़ा, आदि मोटे कपड़े राज्य में बुने जाते हैं। लोगों का अधिकार है और जीरा उसी वंश के छोटे सचीन के नवाब हबशी या अबीसीनियन जाति के घराने वालों के अधिकार में है। हैं। यह तो ठीक ठीक नहीं कहा जा सकता कि इनके १८८३ में नवाब सिदी अब्दुल कादिर मोहम्मद पूर्वज कब भारत में श्राप किन्तु बहुत समय से यह याक़त खाँ जो सुन्नी मुसलमान हैं गद्दी पर बैठे। लोग पश्चिमी तट पर रहते थे। और दण्डराजपुर इन्होंने राजकुमार कालेज में शिक्षा पाई । नवाब को और जॅजीरा के सिदिस कहलाते थे। नौ तोपों की सालामी दी जाती है। नवाब अपनी यह लोग अहमद नगर, बीजापुर, और मुग़ल प्रजा के जीवन मरण के भी मुकदमे कर सकता है. जलसेना के ऐडमिरल्स रहा करते थे। महाराज और नवाब को गोद लेने का अधिकार है। राज्य की औरङ्गजेब इनको ४,५०,००० २० सालाना सूरत की मालाना आय लगभग २,७०,००० रु० है । राज्य के मालगुजारी से देता था। औरङ्गजेब के मरने के बाद अन्दर लड़कों के पढ़ाई के लिये स्कूल हैं। राज-काज यह लोग बदमाश हो गये और अंग्रेजों के जहाजों को में पटेल, हवलदार, फौजदार श्रादि अफसर सहायता छोड़कर सभी जहाजों को लूटते और बर्बाद करते देते हैं । थे । मुग़ल-मरहठा और मरहठा-ब्रिटिश युद्ध के यहाँ के वर्तमान शासक हिज़ हाईनेस नवाब समय इस वंश के सर्दार अँजीरा में रहे और समय सिदी मोहम्मद याकूत खां हैं । आप १९०९ में पैदा समय पर अपने हित के लिये एक दूसरे की सहायता हुये और १० नवम्बर १९३० में गद्दी पर बैठे । आप करते रहे । अठारहवीं सदो के अन्त में बालू मियाँ प्रिन्सेज आफ चैम्बर के मेम्बर हैं ।

संत बड़ौदा तथा गुजरात एजेन्सी का एक राज्य है। सरकार को कर देता है। यहाँ के वर्तमान शासक इसका क्षेत्रफल ३९४ वर्गमील और जन-संख्या महाराणा श्री जोरावार सिंह जी प्रताप सिंह जी हैं। ८३,५३८ है । इस राज्य की सालाना आय ४,१३,५१२ आप १८८.१ में पैदा हुये और १८९६ में गद्दी पर रुपया है । यहां के शामक परमार राजपूत हैं। बैठे । आप चैम्बर आफ प्रिन्सेज़ के मेम्बर हैं और यह राज्य ५,३८४ २० ९ आना १० पाई ब्रिटिश श्राप को ९ तोपों की सलामी दो जाती है।