पृष्ठ:भूगोल.djvu/१६६

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१६५ बनारस या काशी बनारस या काशी अत्यन्त पुराना प्राचीन हिन्दू की लूट खसोट प्रारम्भ हो गई । वारेन हेस्टिंग्स के राज्य है । इस का उल्लेख प्राचीन हिन्दू और बौद्ध अत्याचारों से बचने के लिये राजा चेतसिंह को सदा प्रन्थों में आता है । १२ वीं सदी में शहाबुद्दीन गोरी के लिये अपना पैतृक राज्य छोड़ कर भागना पड़ा। ने इसे जीत कर एक अलग राज्य बना दिया था। चेतसिंह के चले जाने पर बलवन्त सिंह की लड़की मुगल राज्य के क्षीण होने और औरंगजेब के मरने का लड़का (महीप नारायण सिंह ) गद्दी पर बिठाया पर राजा बलवन्त सिंह ( इन के पिता बनारस जिले गया। लेकिन वे पागल हो गये । राज्य का कुछ भाग के गंगापुर नगर में रहते थे और बड़े जमीदार थे) ब्रिटिश राज्य में शामिल कर लिया गया । कुछ अलग ने फिर अपना राज्य जमा लिया । दिल्ली के बादशाह बना रहा । १९५१ ई० में पुराने राज्य का बड़ा भाग ने भी इन्हें राजा मान लिया । अगले ३० वर्षों में (जिसमें भदोही और चफ़िया के परगने शामिल अवध के नवाब सफदर जङ्ग और उसके बाद शुजा- हैं ) फिर बनारस राज्य को मिल गया । १९१८ ई० उद्दौला ने इस राज्य को नष्ट करने की पूरी कोशिश रामनगर और पड़ोस के गाँव ब्रिटिश सरकार ने की। लेकिन वे इस में सफल न हुए । नवाबों के काशी नरेश का दे दिये । राजा के अधिकार भी दे अचानक छापों से बचने के लिये काशी के दूसरी दिये । इस राज्य का क्षेत्रफल ८७५ वर्गमील, जन- ओर गंगा-तट पर रामनगर में किला बनाया गया । संख्या ४ लाख और आमदनी १८ लाख रुपया है । १७७० ई० में राजा बलवन्त सिंह का स्वर्गवास हो यहां के वर्तमान नरेश हिज हाईनेस महाराजा सर गया और उनके बेटे राजा चेतसिंह काशी नरेश आदित्य नारायण सिंह बहादुर हैं। आप १९३१ में हुये । काशी राज्य नवाबी हमलों से भली भांति गद्दी पर बैठे । श्राप को १३ तोपों की सलामी दी सम्भल न पाया था कि इतने में वारेन हेस्टिंग्स जाती है। रामपुर राज्य रामपुर संयुक्त प्रान्त का एक देशी राज्य है। नदियाँ हैं। इनके सिवा घूग, पिलखर, नहल, नह, इस के उत्तर में नैनीताल का जिला, पूर्व में बरैली का सेंझी, भकर, धिमरी, कछिया, हाथीचिंघार आदि जिला, दक्षिण में बदायूं जिले की बिसौली तहसील छोटी छोटी नदियाँ हैं । राज्य के भीतर तराई में जंगल और पश्चिम में मुरादाबाद जिला है । इस राज्य का हैं । तराई के सिवा दिनदिन, धनपुर, विजयपुर, क्षेत्रफल ८९९ वर्गमील और जन-संख्या ४,६४,९१९ पिलखर, लालपुर, विक्रमपुर आदि के जंगल हैं। है । हिमालय की तराई में स्थित होने के कारण इन जंगलों में शिकार खेलने की आज्ञा नहीं है। यहाँ की जलवायु ठण्डी है । घाटियों में नमी होने के तराई के जगल घने हैं । तेंदुआ, साँभर, हिरण, कारण जलवायु अच्छी नहीं रहती । साल में ३८.१ सुवर, भेड़िया इत्यादि और भांति भांति के पक्षी पाए इंच वर्षा होती है। यहाँ की भूमि समतल और उपजाऊ है । भूमि राज्य में ३,९०,१७५ एकड़ भूमि में खेती होती है का ढाल उत्तर से दक्षिण की ओर है । और उत्तर और १११५ एकड़ जमीन बेकार है। यहाँ रखो की ओर समुद्रतल से ६३० फुट तथा दक्षिण की ओर और खरीफ दो फसलें होती हैं जिसमें गेहूँ, जौ, फुट है। रामगगा, कोसी, गँगन यहाँ की मुख्य चना, मक्का, धान, बाजरा, ज्वार, उर्द, कपास और जाते हैं।