पृष्ठ:भूगोल.djvu/२०१

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अथमलिक-उड़ीसा का करद राज्य है । इसके उत्तर अलवा-यह बम्बई प्रान्त के रेवाकान्त में सनरखेड़ा में राधाकोल, पूर्व में अंगुल, दक्षिण में महानदी, पश्चिम में मेवास का छोटा राज्य है। इसका क्षेत्रफल ६ वर्गमील राधाकोल और सोनपुर राज्य है। इस राज्य का क्षेत्रफल है। राज्य की आमदनी ६०००) रु० है। ६७) रु० ७३० वर्गमील है। इस राज्य में २७७ गाँव है, जनसंख्या गायकवाड़ बड़ौदा को देना पड़ता है। यहाँ के शासक ६४,००० है। राज्य की आमदनी २,४०,०००) रु० है। साकुर साहब कहलाते हैं। धान, तिलहन यहाँ की प्रधान उपज है। ४८०) रु० अल्मोध-मध्य प्रान्त के छिन्दवाड़ा जिले का एक ब्रिटिश सरकार को कर दिया जाता है। यहाँ के शासक राज्य है। इसका क्षेत्रफल ५२ वर्गमील और जनसंख्या राजा किशोरचन्द्र देव सामन्त हैं। ३००० है। यह जागीर महादेव के मन्दिरों के निमित्त अम्ब-यह जागीर हज़ारा जिले के उत्तरी-पश्चिमी मिली हुई है। सरकारी लगान ३५) रु. है। और सरकार सिरे पर स्थित है। सिन्ध नदी इस राज्य को पठानों के की ओर से यात्री टैक्स के बदले १७०) रु० मिलता है । स्वाधीन प्रदेश से अलग करती है। इस राज्य का क्षेत्र- अलीपुरा-यह बुन्देलखंड का एक राज्य है। इसके फल २०४ वर्गमील है। जब पंजाब अंग्रेजी राज्य में मिला उत्तर-पूर्व में हमीरपुर का ज़िला दक्षिण में गरौली और लिया गया तो यह जागीर यहाँ के नवाब को अंग्रेजों की पश्चिम में झांसी का ज़िला है। इसका क्षेत्रफल लगभग ओर से दे दी गई। ७३ वर्गमील है, इसमें २६ गाँव हैं। इसकी जनसंख्या अमरपुर-रेवाकान्त में पांडु मेहवास का एक छोटा १५,३१६ है। इसकी श्रामदनी ६०,०००) २० है। राज्य है। इसका क्षेत्रफल १४ मील और आय ५००) रु० अलीपुर नगर हरपालपुर रेलवे ८ मील दूर है । इस । २००) रु० बड़ौदा राज्य को कर देना पड़ता है। राज्य के संस्थापक श्री अचलसिंह को यह जागीर पना अमला-बम्बई प्रान्त के खानदेश जिले की डांग राज्य की ओर से मिली थी। जब इस प्रदेश पर अंग्रेज़ों रियासत है। इसका क्षेत्रफल २०० वर्गमील है। श्रावादी का अधिकार हो गया तो उन्होंने इस राज्य को अचलसिंह ५,००० है। इस राज्य की श्रामदनी ३,००० रु० है । पुत्र श्री प्रतापसिंह के ही हाथ में रहने दिया। और यहाँ का राजा भील है। वह मोदल में रहता है। एक सनद दे दी। यहाँ के राव रघुराजसिंह जू परिहार अमलधरा-गुजरात के महीकान्त में एक करद राज्य राजपूत हैं । इन्हें चेम्बर श्राफ प्रिन्सेज़ के लिये प्रतिनिधि है। इसका क्षेत्रफल ३६,००० बीघा,और जनसंख्या १३.००० चुनने के लिये मत (वोट) प्राप्त हैं। है। बार-बाजरा यहाँ की प्रधान उपज है। श्रामदनी २५०००) रु. है। यहाँ के ठाकुर साहब को ३१२) रु० अलीराजपुर-मध्य भारत के दक्षिणी-पश्चिमी कोने बड़ौदा राज्य को देने पड़ते हैं। पर भील-एजेन्सी का एक राज्य है। यह राज्य गुजरात की रेवाकांत रियासतों से मिला हुआ है। इस राज्य का अलवर-राज्य उत्तर में पंजाब के गुरगांव जिले से घिरा है। इसके पूर्व में भरतपुर राज्य और दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रफल ८३६ वर्गमील है। इसमें ३१२ गाँव हैं। जन- में जैपुर राज्य है। इस राज्य का क्षेत्रफल ३१५८ वर्गमील संख्या १ लाख है। राज्य की आमदनी ५ लाख से ऊपर और जनसंख्या ७ लाख ५० हजार है। राज्य को आमदनी है। अलीराजपुर नगर दोहद रेलवे से ४४ मील दूर ३७३ लाख है। यहाँ के महाराजा श्री सवाई तेजसिंह जी यहाँ के राजा ( सर प्रतापसिंह जी) चेम्बर श्रान प्रिन्सेज़ के लिये अपना प्रतिनिधि चुन सकते हैं। इन्हें ८ तोपों की बहादुर को १५ तोपों की सलामो मिलती है। इस राज्य में ज्वार, बाजरा, तिलहन, तम्बाकू आदि की सलामी होती है। उपज के अतिरिक्त स्लेट, रंगीन बलुआ पत्थर, सङ्गमरमर, आश्रोचर-अम्बई प्रान्त का डांग राज्य है। इस सङ्गमूसा, गेरू, लोहा, तांबा, सीसा और पोटाश भी बहुत है। राज्य का क्षेत्रफल ८ वर्गमील और जनसंख्या ३०० है। १८०३ ई० से इस राज्य का ब्रिटिश राज्य से यहाँ की आमदनी ३०० रुपया है, यहाँ भील राजा का है। इस राज्य को कर नहीं देना पड़ता है। लेकिन ब्रिटिश शासन है। साम्राज्य के काम के लिये फौज रखनी पड़ती है और इस आनन्दपुर-उत्तरी काठियावाड़ में एक छोटा राज्य है। फौज का पूरा खर्च देना पड़ता है। इसमें ३३ गाँव शामिल हैं, इसकी आमदनी ३०,००० - सम्बन्ध