पृष्ठ:भूगोल.djvu/२०२

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। ( ३ ) रुपया है। ७१५) रुपया ब्रिटिश सरकार को और २०५) गन्ना, तम्बाकू, कपास, मिर्च यहां की उपज हैं। इस राज्य रुपया जूनागढ़ को देने पड़ते हैं। में लोहा भी पाया जाता । यह राज्य २०००) कोल्हापुर आलमपुर-काठियावाड़ में गोहेलवाद का एक छोटा को कर देता है। यहां के ब्राह्मण राज्य दक्षिणी महाराष्ट्र के राज्य है। इस राज्य में केवल १ गाँव है। इसको श्राम सरदारों में प्रथम श्रेणी के गिने जाते हैं। दनी ४०००) रुपया है। यह १२३०) रु० बड़ौदा को ईदर-महीकान्त ( गुजरात ) का प्रधान राजपूती और १६२) रुपया सूनागढ़ को कर देता है। राज्य है। इसका क्षेत्रफल ४६६६ वर्ग मील है। इस इन्दौर- र-राज्य का क्षेत्रफल १६०२ वर्ग मील है। राज्य में ८७५ गाँव और नगर हैं। इसकी जन-संख्या ३ इस राज्य की जन संख्या १३२५०८६ है । इस राज्य में लाख है। इस राज्य की प्रामदनी १० लाख रु. है। यह ३७३४ गांव और नगर हैं। इस राज्य की आमदनी राज्य ३०,३४०) बड़ौदा को कर देता है । ज्वार, बाजरा, १,३५,००,००० रु० है इस राज्य की जलवायु कुछ गरम तिलहन, गन्ना, महुआ, श्राम, खिरनी यहाँ की प्रधान उपज है । यहां साल भर में ३७ इंच पानी बरसता है। इस है । यहां के महाराजा राठौर राजपूत हैं। इनको प्राण राज्य में ५,२५० पैदल, ३३०० घुड़ सवार और ३५० दंड देने का अधिकार है। इनके अधीन कई सरदार हैं तोपखाने के सिपाही हैं। होलकर राजवंश के संस्थापक जिन्हें हर तीन घुड़सवार रखने के बदले १०००) आम- मल्हार शव का जन्म १६६३ ई. होल नामी गांव में दनी का इलाका मिला हुआ है। इस प्रकार इस राज्य में हुआ था। इसी से इस राजवंश का नाम होल्कर पड़ गया। ५६८ घुड़सवार और ५६८ पैदल सिपाही है। यहाँ के अब से १४० वर्ष पहले यह राज्य अपनी शक्ति के शिखर महाराजा को १५ तोपों को सलामो जाती है। पर था। उस समय यहां के महाराजा की शक्ति अँग्रेज़ों उचाद ( Uchad )-बबई प्रान्त में रेवाकान्त की शक्ति के टक्कर की थी। और हिन्दुस्तान के राजाओं एजेन्सी का यह एक राज्य है। इसका संग्रफल ४१ वर्ग में अत्यन्त शक्तिशाली थो । यदि मराहठों में फूट का बीज मील है। इस राज्य की सालाना आमदनी १८५० रुपये न फैला होता तो हिन्दुस्तान और इन्दौर का इतिहास हैं। यह राज्य ८८३ रुपये सालाना बड़ौदा राज्य को ही दूसरा होता । इस समय भी शिक्षा और उन्नति कर देता है। विचारों में यह राज्य बहुत कुछ अग्रसर है । उदयपुर ( मेवाड़ )... यह राजपुताना एजेन्सी का होलकर महाराज को इन्दौर राज्य में २१ तोपों और एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल १२,९२३ वर्गमील और ब्रिटिश भारत में १६ तोपों की सलामी दी जाती है। यह जन-संख्या १५,६६,६१० है । इस राज्य की कुल सालाना राज्य किसी प्रकार का कर नहीं देता है। यहां के महाराज श्राय लगभग ८०,६०,००० रुपये है। जागीरों की आमदनी को प्राण दंड देने का अधिकार है अलग से है। यह राज्य २,००,००० रुपये सालाना त्रिटिरा इटारिया गढालू-यह उत्तरी काठियावाड़ में एक सरकार को कर देता है। इस राज्य की सेना में ६२४० छोटा राज्य है। इसमें केवल २ गाँव शामिल हैं। इसकी सवार १५१०० पैदल सैनिक ४६४ तापें और १३३८ तोप श्राबादी १००० और प्रामदनी ५००० रु. है। यह राज्य चलाने वाले सैनिक हैं। २५२ रु० ब्रिटिश सरकार को और ८३ रु० जूनागढ़ को भारतीय राजपूत राजाओं में यहां का राजा सबसे उच्च कर देता है। उत्तम माना जाता है। यह लोग सूर्य वंश के ऊँचे घराने इलोल-यह बम्बई के रेवा कान्त का एक राज्य के हैं । राना को रामचन्द्र जी की बंशज कहा जाता है। है। यहां की जन संख्या ६००० और आमदनी २०,००० इस राज्य की नींव १४४ ई० में कनक सेन ने डाली थी। रु० है । कपास, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, चना, उद यहां की यहां महाराजाधिराज को १६ तोपों की सलामी दी जाती प्रधान उपज हैं। यह राज्य १८६० रु. बड़ौदा को ४३० है । यहाँ के वर्तमान नरेश हिज़ हाईनेस महाराजाधिराज १० ईदर को और २) अहमद नगर के लिये कर देता है। महेन्द्र सर भूपाल सिंह जी बहादुर जी० सी० एस. आई. इंचल करनजो-यह कोल्हापुर का एक राज्य है। के० सी० प्राई ० ई० हैं। आप १६३० में गद्दी पर बैठे। इसका क्षेत्रफल २०१ वर्ग मील और जन-संख्या ६०,००० उदयपुर -छोटा नागपुर उड़ीसा प्रान्त का यह एक है। इसकी आमदनी ३ लाख रु० है। धान ज्वार, बाजरा राज्य है। इसका क्षेत्रफल १०५१ वर्ग मील है।