पृष्ठ:भूगोल.djvu/२१४

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( ५ ) सिपाही हैं। इनको ११ तोपों की सलामी दी जाती है। सालाना ब्रिटिश सरकार को कर देता है। यहां के यहां के वर्तमान नरेश राजा उदयसिंह हैं। महाराजाधिराज को १६ तोपों की सलामी दी जाती है। झालावाड़-यह राज्य राजपूताना एजेन्सी में स्थित टिगरिया ('Tigaria)-उड़ीसा प्रान्त का यह एक है। इसका क्षेत्रफल ८१३ वर्गमील और जनसंख्या देशी राज्य है। इसका क्षेत्रफल ४६ वर्गमील है, इस राज्य १,०८,००० है। यहां की आमदनी ७,५०,००० रुपया में १५ गांव हैं और इसकी जनसंख्या २५,००० है। राज्य है। यह राज्य ८०,००० ब्रिटिश सरकार को कर देता है। की मुख्य उपज धान, अनाज, तेलहन, गन्ना, तम्बाकू इसकी फौज में पैदल, ४२५ घुड़सवार, २४७ तोपखाने के और कपास है। इस राज्य की सालाना आय ६०,००० सिपाही हैं। यहां के राना झाला वंश के राजपूत हैं। १८३८ रुपये हैं। ई० में यह राज्य कोटा से अलग कर लिया गया था । यहां चार सौ साल बोते सूर तुंगसिंह नामक एक यात्री के राना को १५ तोपों की सलामी दी जाती है। पुरी की तीर्थ यात्रा के लिये गया था। उसने वहां के झिझूवाड़ा-यह काठियावाड़ का एक राज्य है। निवासियों को मार भगाया। और राज्य की स्थापना की । इसका क्षेत्रफल १६५ वर्गमील है, इसकी जनसंख्या यहां का शासक ८८० रुपया ब्रिटिश सरकार को कर देता है १६,००० और आमदनी १,००,००० रुपया है । यह राज्य और इनके पास ३६३ सैनिक हैं। यहां के वर्तमान नरेश ११,०७३ रुपया ब्रिटिश सरकार को कर देता है। राजा श्री सुदर्शन क्षत्रिय बीरवर चमूपति सिंह हैं। झीद-यह पंजाब की तीन पुलकियान रियासतों में टोंक-राजपूताना एजेन्सी का एक से एक है। इसका क्षेत्रफल १२६६ वर्गमील है। इसकी इस राज्य का क्षेत्रफल २,५४० वर्ग मील और जन-संख्या जनसंख्या ३,२५,००० है । इसकी आमदनी २४,००,००० ३,३८,०८६ है। इस राज्य की सालाना आय २४,२५,००० रुपया है। सन् १७६३ ईस्वी में यह राज्य स्थापित हुआ। रुपया है। यह राज्य किसी को किसी प्रकार का कर नहीं सन् १७६२ ईस्वी में दिल्ली के सम्राट ने इस स्वीकार कर देता । इस राज्य की सेना में ५२६ सवार २,८८६ पैदल लिया। १८५७ के ग़दर में इस राज्य ने अगरेजी सरकार सिपाही, पाठ रणक्षत्र वाली तोपें और ४५ दूसरी तोपें तथा की बड़ी मदद की। यहां के राजा सिक्व जाट हैं। इनको १७५ तोप चलाने वाले सैनिक हैं । ११ तोपों की सलामो दी जाती है। संगरूर इस राज्य महाराज यशवन्त राव होल्कर की सेना का अमीर खां की राजधानी है। सेनापति था। १८०६ में महाराज होल्कर ने टोक का टप्पा (Tappa -मध्य भारत में भोपाल एजेन्सी राज्य अमीर खां को प्रदान किया। यहाँ के शासक की पदवी राज्य है। इसमें कुल १३ गांव हैं। यहां के नवाब की है और उनको १७ तोपों को सलामी दी जाती है। के शासकों के पूर्वज रूपसिंह १८२२ ईस्वी में महाराज यहां के वर्तमान शासक हिज़ हाईनेस नवाब सैय्यद दौलतराव सिंधिया से यह गांव पाए थे । उद्यौला वज़ीरुल मुल्क, सौलत जंग, जी० सी० आई०ई० हैं । ट्रावनकोर-मद्रास प्रेसीडेन्सी में ट्रावनकोर एक टोडा टोडी (Toda Troli)-गाहेलवाद, काठि- राज्य है। इस राज्य का क्षेत्रफ न ७,६२५ वर्गमील और यावाद में बम्बई प्रान्त का एक छोटा सा राज्य है। जन-संख्या ५३,६५,६३० है। इस राज्य की सालाना इसका क्षेत्रफल १ वर्गमील और जनसंख्या।६१२ है। इस श्रामदनी २,४१,००,००० रुपया है । चावल, नारियल, राज्य में केवल ३ गांव हैं। यहां की सालाना आमदनी मिर्च, सुपारी यहां की मुख्य उपज है । सागौन, प्रायनस, ३,५०० रुपये हैं। यह राज्य १४७ रुपया ८ पाने बड़ौदा खजूर और दूसरी काली लकड़ियों के यहां जंगन है। राज्य को और ३० रूपया जूनागढ़ को कर देता है। इस राज्य के शासक क्षत्रिय हैं। मानावारी रिवाज के डूंगरपुर-यह राजपूताना पोन्सो का एक राज्य है । अनुसार ज्येष्ठ पुत्र ही गद्दी का अधिकारी होता है । १८६२ इस का क्ष त्रफल १४६० वर्ग मील है। इस की जन-संख्या में वहां के महाराजा को भतीजों को गोद लेने की सनद २,२८,००० लाख है। यहां की जलवायु बड़ी स्वास्थ्यकर प्राप्त हुई है। है । गेहूँ, जौ, चना, ज्वार, बाजरा, मक्का, धान, कपास, राज्य-सेना में ६० सवार, १,३६० पैदल, ४ तोपें और अफीम, लालमिर्च, हल्दी, सोंठ, तिलहन, गमा यहां की ३० तोप चलानेवाले सैनिक हैं । यह राज्य ८,००,००० रु० प्रधान उपज है। इस राज्य को श्रामदनी १ लाख रु. है। का यह