पृष्ठ:भूगोल.djvu/५४

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५३ अङ्क १.५] राजपूताना किया। जैसलमेर के किले और नगर की नींव डाली। रानी ने उनके भतीजे रंजीत सिंह को १८६४ में गोद १२९४ ई० में अलाउद्दीन ने राज्य पर आक्रमण किया लिया । राजा को महारावल कहते हैं और वह भाटियों और राज्य को बर्बाद कर डाला । रावल सवल सिंह ने का सरदार है। राजा, दीवान और हाकिमों की महा- पहले पहल शाहजहाँ की पराधीनता स्वीकार की और यता से शासन करता है। राजा के पास ५०० मवार अपने वंश के पहले राजा थे जो देहली राज्य के और ४०० पैदल सिपाही हैं । सवार लोग ऊँट का भी अधीन रहे । इस समय जैसलमेर गज्य ने अच्छी प्रयोग करते हैं । यह ॐट यहां बड़े काम की चीज़ है उन्नति की। दूर मा प्रदेश में स्थित होने के कारण रंगिस्तान में मवारी और बोझा ढोने दोनों के काम यहाँ मरहठों के आक्रमण नहीं आता है। राज्य की सालाना आय ३६६६१४ २० है क्षेत्रफल को देखते हुए श्राय बहुत कम है । इसके दा गवल मूलराज जैसलमेर के पहले सरदार थे मुख्य कारण हैं--(१) देश बड़ा ही गरीव है। (२) जिनस ब्रिटिश सरकार से सन्धि हुई । यह मन्धि अधिकतर लोग जागीरदार हैं जो गना के वगन के हैं। मन १८१८ में हुई । इसके अनुमार राजा को गोद लेने का अधिकार मिला और राज्य की रक्षा का भार वर्तमान नरेश हिज हाईनम महाराजाधिराज अंग्रेज सरकार पर हो गया। मूलराज के पश्चात महारावल सर जवाहिर सिंह बहादुर के० मी० एम० गजसिंह गद्दी पर बैठे । उनकी मृत्यु के बाद उनकी आई० हैं । -

पालनपुर गुजरात में एक प्रथम श्रेणी की रियासत है। स्थापना हुई। अकबर ने यहां के शामक को दीवान इसका क्षेत्रफल १७७४ वर्गमील है। इसकी जन को पदवी दी थी। १८१७ ई० में ब्रिटिश सरकार के मंख्या २,६५,००० है । इसकी आमदनी ११,६५,००० माथ इसमे सन्धि हुई। इस रियामत में कपड़ा. गहूँ, रुपया है। यहां के नवाव लोहानी वंश के नवाब हैं। चमड़ा, तिलहन, घी और ऊन का बहुत कारबार होता हुमायूं के समय में (१४वीं सदी में) इस रियासत की है। यहां के राजा को १७ तोपों की मलामी मिलती है।

बूंदी यह राजपूताना के दक्षिण-पूर्व में एक पहाड़ी यहां मुग़लों और मरहठों के हमले हुये। १८१८ में राज्य है। यहां के राजा चौहान-राजपूत हैं। यह राज्य इस राज्य में ब्रिटिश सरकार से सन्धि कर ली। इस तरहवीं सदी में स्थापित हुआ। इसके कुछ ही समय राज्य का क्षेत्रफल २२२० वर्गमील और जनसंख्या बाद मालवा और मेवाड़ स इस राज्य का झगड़ा २,२५,००० है । इसकी आय ६ लाख रुपया है । यहां आरम्भ हुआ। मोलहवीं सदा में यह दिल्ली के के नवाब को १७ तोपों की मलामी मिलती है। मुसलमान मम्राटों से मिल गया। आगे चलकर

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