पृष्ठ:भूगोल.djvu/६

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सुरक्षित कोष

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अङ्क १-४] हैदराबाद की प्रगति आर्थिक प्रणाली :- में जहाँ कि प्रायः अकाल पड़ा करता है, वहाँ की अर्थ ही सारी उन्नति का स्रोत है अतः इस ओर जनता को रोटी भी मिलेगी। भी ध्यान दिया गया है। यों तो गत १६ वर्षों से पूर्ण गत वर्षों में राज्य की श्राय १ करोड़ बढ़ गई है व्यवस्थित कार्य है और भिन्न भिन्न विभागों को और इस वर्ष व्यय के बजट में एक करोड़ ४४ लाख त्रिवार्षिक वजट के आधार पर उनके वार्षिक व्यय के स्वीकृत किया गया है। जिसमें १५ लाख विश्वविद्या- अनुमानानुसार व्यय के लिए धन दिया जाता है। लय और पुलिस के भवनों पर ११ लाख निजामसागर इससे व्यर्थ का अपव्यय बच जाता है। और इस इलाके की नहरों को विस्तृत करने में, और १ करोड़ प्रकार ठीक प्रकार से उन्नत विचारों से प्रारंभ की गई से भी अधिक रेलवे लाइन में वृद्धि के लिए स्वीकृत उन्नति की योजनाओं के लिए पर्याप्त सुविधाएँ मिल किया गया है। जाती हैं। यदि ३ वर्ष के पश्चात् रुपया बच जाता है, रेलवे विभाग : - तो उसमें से कुछ सुरक्षित कोप में और शेष राष्ट्र- यहाँ का रेलवे विभाग भारत के अन्य देशी राज्यों निर्माण कार्य में व्यय होता है । में अपना विशेष स्थान रखता है। इसका विस्तार १६६४ मील है और इसमें से केवल ३७१ मील की इस प्रकार बचे हुये धन से गत वर्षों में बहुत बड़ी रेलवे या तो भारत सरकार की है या प्राइवेट कम्प- धनराशि जमा हो गई और अन्य उपयोगी कार्यों के नियों की है । यह रेलवे निकटवर्ती प्रांतों से संबंधित लिए सुरक्षित कर दी गई है । इस तरह अकालफण्ड, है । ६९९ मोल ब्राडगेज और ६५९ मील मीटरगेज औद्योगिक ट्रस्टफण्ड, उस्मानिया सिक्का स्थायी करण इस प्रकार १३४७ मील में रेलवे विभाग कुशलता से और पेपर करेंसी रिजर्व काफी बढ़ गये हैं। जिससे कार्य संचालन कर रहा है। यह रेलवे राज्य की उनके द्वारा आवश्यकतायें पूरी हो सकें । अकालफण्ड सीमाओं पर या सीमाओं के समीप स्थित पांच जंक- में राजस्व विभाग से प्रतिवर्ष १५ लाख रु० सहायता शनों से संबंधित है । इससे व्यापार के आयात-निर्यात रूप मिलती है । और अब वह २८५-२ है । यह न केवल में महान सुविधायें प्राप्त होती हैं और इससे उत्तरी अकाल में ही परन्तु 'जलकष्ट वाले गावों में, कुओं के और दक्षिणी भारतवर्ष तथा पूर्वी और पश्चिमी तटों निर्माण में खर्च होते हैं, कूप निर्माण विभाग ने अब के संबंध स्थापित करने को सुविधाजनक मार्ग मिलता तक २० लाख रुपया खर्च किया है और १५०० कुएँ है। फीडर और ब्रांच लाइनें बढ़ाने पर विचार हो रायचूर में तथा २०० गुलबर्गा में बनाये हैं। गुलबर्गा रहा है। जब से निजाम सरकार ने निजाम स्टेट में २५० और वन रहे हैं। रेलवे कम्पनी से चार्ज लिया है तब से कई ब्रांच श्रौद्योगिक पूंजी लाइनें बनाई गई हैं । मार्च ३८ तक निजाम सरकार ने रेलवे विभाग पर १५ करोड ९ लाख रुपया व्यय औद्योगिक ट्रम्ट फंडके पास इस समय ९६-३९ किया है और -१ मार्च १९.८ तक रेलवे विभाग की लाख रुपया है। और इसमें से उद्योग धन्धों में रुपया आय २ करोड ४५ लाख और मुनाफा १ करोड २९ लगभग जाता है। इस वर्ष निजाम शुगर फैक्टरी को ७।। लाख रुपये के शेयर लिये गये हैं। विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि नई त्रिवार्षिक योजना के अनुसार १ रेल तथा रोड संगठन :- करोड़ ९० लाख नवभवन निर्माण, एक करोड़ सड़क स्टेट ने रेल को सड़क से जोड़ने का प्रशंसनीय निर्लए ८ लाख गुलवर्गा जल व्यवस्था, ५ लाख कार्य किया है। १९३२ में २७ बरसों से यह कार्य कस्बों को म्यु। सल्टो, और ८ लाख स्वर्ण अनु- प्रारंभ हुआ और बढ़ते बढ़ते मार्च १९३८ के अन्त संधान के लिए है। सोने की महँगी में यह आशा में ३५८ बसे हो गई। जो ४०१७ मील लम्बे क्षेत्र है कि सोने की खान का कार्य उत्तम ढंग से चलेगा में जाती हैं। इस योजना से व्यक्तिगत लाभ नष्ट और इससे राज्य की आय बढ़ेगी। रायचूर जिले होकर जन हितैषी सार्वजनिक कोष में वृद्धि हुई है।

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लाख था।