पृष्ठ:भूगोल.djvu/९१

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भूगोल [ वर्ष १६ जो महाराजा करता है। । दीवान- दतिया के मजिस्ट्रेट, उन्नाव, रादरी, रोनिज, इन्द्रगढ़ दीवान सभी शासन विभागों का प्रधान होता है और दतिया नगर के थानों के मुक़दमे करते हैं । उनको ६ महीने की ओर से सभी कार्यो की देखभाल की सजा और ५० रु० जुर्माने का अधिकार है। नदी गाँव थरेट और सिउँधा के थाने के मामले, सिधा के मजिस्टेट करते हैं । इनको ३ महीने की सजा और २५ रु. जुर्माने का राजकीय विभाग- अधिकार है । बरौनी के मजिस्ट्रेट वहीं के थाने के मामलात राज-काज, न्याय, शिकदारी या खेन, दरबार, ट्रेजरी, करते हैं । इन कचहरियों की अपीले दीवान के यहाँ होती हैं, जङ्गल, पुलीस और जेल, पब्लिक वर्क्स, शिक्षा और औषधालय और अंतिम अपील राजा के यहाँ होती है। विभागों में बँटा है। दर्बार का कार्य हिन्दी, उर्दू में होता है। आज्ञापत्र उर्दू में निकलते हैं। बाकी सब काम हिन्दी में बड़े और गम्भीर मुक़दमें दीवान करता है। और अपना निर्णय राजा के सामने हुक्म देने के लिये पहुँचा होता है। देता है। राजनैतिक विभाग- राज्य चार तहसीलों में विभाजित है। दतिया, इन्द्रगढ़, शिकदार- नदीगाँव, सिधा ये चारों तहसीलें हैं । ये तहसीलें तहसील- यह रेवन्यू के मामलों में प्रधान होता है। इसके यहाँ दारों के अधिकार में हैं। कानूनगो और स्याहा नवीस तह- की अपील राज दरबार में होती है। सीलदार को सहायता के लिए रहते हैं । दतिया राजधानी है। राजा यहाँ हाईकोर्ट का कार्य करता है। अदालत माल नम्बरदार गाँव का प्रधान माना जाता है। जहाँ कहीं और फौजदारी दोनों की अंतिम निर्णय वाली अपीलें राजा एक से अधिक नम्बरदार होते हैं वहाँ उनका अगुवा चुना के पास होती हैं। जाता है । यह पटवारी की सहायता से मालगुजारी वसूल न्याय विभाग का सालाना व्यय १४,००० रु० है । ५३ करता है । गाँव में एक पंचायत भी होती है जिसका नम्बर- प्रति सैकड़ा के भाव से माल के मुक़दमों में फीस लगती है । दार प्रधान माना जाता है । यह पंचायत छोटे-मोटे मामलों सालाना आय लगभग १८,००० रु० के है । को तै किया करती है। राज्य की सालाना आमदनी १२,६६,००० रु. है अदालतें और कानून- मौज-२४० पैदल सिपाही और लगभग ६२५ सवार, फौजदारी के मामलों में इन्डियन पेनल कोड का प्रयोग १२४ बन्दूकें हैं। होता है। किन्तु माल के मुकदमे पंचायत और राज्य के रीति- रिवाज के अनुसार होते हैं। पुलीस-१ मुन्तजिम, ६ इन्सपेक्टर, ७ सब इन्सपेक्टर और २६१ कानेस्टेबुल्स है। सब से छोटी कचहरी तहसीलदारों की होती है। यह लोग १०० रु. तक के मुक़दमे लेते हैं। दतिया के मुन्सिफ वर्तमान दतिया नरेश लेफ्टिनेन्ट कर्नल हिज हाइनेस को ५,००० रु० तक के मामलों के करने का अधिकार है महाराजा लोकेन्द्र सर गोविन्दसिंह बहादुर जी० सी० आई० सिधा के मुन्सिफ १,००० रु. तक के मुक़दमे करते हैं। ई०, के० सी० एस० आई० हैं। श्राप चैम्बर श्राफ प्रिन्सेज दोवान को इनके ऊपर अधिकार है। के मेम्बर हैं और १५ तोपों की सलामी दी आती है।