पृष्ठ:भूतनाथ.djvu/२४४

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॥ श्रीः ॥ भूतनाथ उपन्यास अथवा भूतनाथ की जीवनी तीसरा हिस्सा पहिला बयान गगर काशी शहर के बाहर उत्तर तरफ लाट भैरव का एक प्रसिद्ध स्थान है । पाच ही में एक परका तालाब है और स्थान के पूर्द गिर्द नई परके कुएं भी है । वही पगका तालाब कपालमोचन तीर्थ के नाम से पराधि है। कागी मे पहा स्नान करने का बजही माहाल्य लिया है। जमताताव के कोने पर (पुछ हट फे) एक रुमा हूँ जिम की जगत बहुत ऊंची है और ऊपर वैठने का म्यान भी करत प्रशस्त हैं तथा नीटी के दोनो तरफ छोटे छोटे दो दालान भी बने है जिनमे मुसाफिरो गोर यापियो का बहुत उपकार होता तामोमनचले पार जातिकमिजाज लोगो को मैनपाटेको समय (यदि दरसात का मौसम हो तो) रोटी वाटा बनाने में भी अच्छी सहायता मिलती है। इन तालाव या गाए के पाय में सिवाय जंगल मैदान के किसी गृहस्थ फा गाई फच्या या पया मलान नहीं है। अगर यहां दम पांच यादमी