पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/१८१

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[ ९० ] उदाहरण-मालती सवैया सुंदरता गुरुता प्रभुता भनि भूपन होत है आदर जाम । सज्जनता औ दयालुता दीनता कोमलता झलकै परजा मैं ॥ दान कृपानहु को करिबो करिवो अभै दीनन को वर जामें । साहन सों रन टेक विवेक इते गुन एक सिवा सरजा में ॥ २५६ ।। प्रत्यनीक लक्षण-दोहा जहँ जोरावर सत्रु के पच्छी पै कर जोर । प्रत्यनीक तासों कहें भूपन बुद्धि अमोर ॥ २५७ ॥ ____उदाहरण-अलसा सवैया' लाज धरौ सिवजू सों लरौ सब सैयद सेख पठान पठाय के । भूपन ह्याँ गढ़ कोटन हारे उहाँ तुम क्यों मठरे तोरे रिसाय १ अलसा सवैया नवीन मत की है । इसमें पहले सात भगण फिर एक रगण (रग- नंत म नुनि ) होते हैं । भगण के तीन अक्षरों में पहला गुरु और शेष दो लघु होते हैं तथा रगण के तीन अक्षरों में पहला व तीसरा गुरु होता है और दूसरा लघु । इसका रूप यों है-osusnSISIISIISISISISo २ औरंगजेब ने हिंदुओं को सताने के लिये अनेक मंदिर तुड़वा दिए, यहाँ तक कि काशीजो में श्री विश्वनाथजी तक का मन्दिर तुड़वा कर उसकी एक ओर की दीवार पर मसजिद वनवा दी नो अब तक जैसी की तैसी विद्यमान है। न जाने इसमें हिंदुओं की क्या वास्तविक हानि हो गई, पर हाँ, इतना अवश्य हुआ कि ऐसी हो बातों ने मुगलों के ऐसे तुदृढ़ राज्य की नीव हिल गई और कुछ ही दिनों म वह