पृष्ठ:भूषणग्रंथावली.djvu/४२

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[ ३३ ] पहले उन्होंने शिवाजी को हृदय से लगाकर इसे मुसलमानों से युद्धार्थ प्रोत्साहित किया। इसी समय से शिवाजी और भी साहस के काम करने लगे। अब आप आदिल शाह से खुल्लमखुल्ला लड़ने में प्रवृत्त हुए, यद्यपि उस समय भी शाहजी उन्हीं आदिल शाह के ही नौकर थे। अंत में शाह ने शिवाजी के विरोध में शाहजी की भी गुप्त . सम्मति का भ्रम करके उन्हें कारागृह में डाल दिया, परंतु शिवाजी ने शाहजहाँ की नौकरी करना स्वीकार करके उसके दवाव से : अपने पिता को बीजापुर के कारागार से छुड़वा लिया। इसके कुछ पीछे शाह जान गया कि शिवाजी अपने बादशाह ही का नहीं वरन् पिता का भी विरोधी है; अतः उसने शाहजी को फिर तंजौर भेज दिया। शिवाजी ५३ वर्ष की अवस्था में सन् १६८० ई० में स्वर्गवासी हुए। मरते समय आपने पाँच करोड़ रुपए वार्पिक आय का राज्य छोड़ा। किसी किसी ने शिवाजी को सोलंकी कहा है, परंतु सोलंकी अग्निवंशी हैं और शिवाजी सूर्य- वंशी थे। ____इसी सन् में उदयपुर के महाराणा राजसिंह ने मुग़लों की अधीनता को लात मारकर औरंगजेब का सामना करके चार घोर युद्धों में उसे परास्त किया। प्रथम युद्ध नालघाटी के पास हुआ जिसमें मुग़लों की पचास हजार सेना औरंगजेब के पुत्र अकबर के साथ थी। दूसरी लड़ाई देसौरीघाटी के आगे हुई। उसमें भी मुग़लों की उतनी ही सेना शाहजादा अकवर को बचाने गई