(१०२ ) युवक ने बगल से नोटों का एक बण्डल निकाला और कहा-"कुल १० हजार हैं ।" जब तक हम में से एक भी जीवित है आज से इसी समय प्रति वर्ष इतनी ही रकम आपको इसी स्थान पर मिलती रहेगी। आप चाहे भी जहाँ रहें। आज के दिन इस समय यहीं उपस्थित रहें। उसने नोट बालिका के आगे बढ़ाये। बालिका ने कहा-"जब तक तुम में से एक भी जीवित है यह रकम तुम मेरी तरफ से देश के किसी अच्छे काम में लगाते रहो-पर प्रतिज्ञा करो-कि भविष्य में यह रकम किसी अनुचित मार्ग द्वारा न प्राप्त की जायगी और किसी भी हिंसक उपयोग में न लाई जायगी। "आपकी आज्ञा का यथावत पालन होगा। और आपको उसकी कैफियत मिल जायगी।" इसके बाद बातचीत बन्द हुई। विवाह मण्डप में मंगल वाध बज रहे थे। पुरोहित उपस्थित थे। बालिका चुपचाप विवाह वेदी पर जा बैठी। विवाह-कार्य सम्पन्न हुआ। युवक उसी रात बिदा हो गया। वह जेल के फाटक पर उपस्थित थी। विवाह की हल्दी उसके शरीर पर थी और कंगना हाथ में | लाश. उसने ले ली उसने देर तक उस वीर युवक का तेजपूर्ण मुख देखा,
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