पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/१६७

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१५८ ) 7 ने सबको ठहरने का संकेत किया। फिर वह मोटर की छत पर चढ़ गया, और वहाँ से उसने एक कागज़ में से कुछ लोगों के नाम सुना कर कहा-"इन के नाम वारंट हैं। इन में से जो हाज़िर हों, वे थाने में पहुच जाय ।” सुनकर भीड़ ने तीनो पेटेंट नारे बुलंद किए । डिक्टेटर साहब ने अपना नाम लिस्ट में न सुनकर संतोष की साँस लो; फिर जरा रुबाब से आगे बढकर बोले- "क्या मैं जान सकता हूँ कि मेरा नाम इस लिस्ट में क्यों नहीं? इन्स्पेक्टर ने मुस्किरा कर कहा-'मैं अफसरों से पूछ कर बता सकना हूँ। "मगर मैं इन सबके साथ जाऊँगा।" "वहाँ बिना बुलाए मेहमानों के लिये जगह नहीं है" इन्स्पेक्टर हसा, और दल-बल सहित चला गया। पार्टी क्षण-भर चकित रही। फिर नारे लगाए, और आगे बढ़ी। डिक्टेटर साहब ने पूछा-'तो क्या आप लोग थाने जाकर गिरफ्तार होंगे ?" अवश्य, हम लोग थाने जा रहे हैं।"