पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/७४

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। (६५ ) थे। बड़बड़ा भी रहे थे डिप्टी साहब ने टोप उठाकर कहा-"बहुत अच्छा, अभी तो जाते हैं। बेहतर था आप सच बात बता देते। मैंने जोर से मेज़ पर हाथ पटककर कहा--"कल ही मैं आपसे अपने इस अपमान का जवाब तलव करूगा । डिप्टी साहस चल दिए । मैं भी साथ ही बाहर तक आया सैकड़ों आदमी इकठ्ठ हो गए थे । जब पुलिस अपनी लारी में लद गई, तो मैंने पूछा--"आप ईश्वर के लिए यह तो बताइए कि किसे ढूढते फिरते हैं ?" डिप्टी साहब ने खीझकर कहा- "मिसेज़ भगवती चरण को।" 1