पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/७७

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हमने इन से कभी कुछ कहा ? अजी ये काम बदमाशों के हैं। फिर भी जो तुम्हें मारना ही है तो लात घूसा,जूता ठोकर चाहे जो कुछ मारो पर हे माई बाप ! हे खुदा बन्द ! जान तो जरूर बख्स दो। bre